Christmas Prayer Meet at Cathedral Church: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को क्रिसमस के मौके पर दिल्ली के ऐतिहासिक कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्प्शन में आयोजित सुबह की प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया। इस खास अवसर पर दिल्ली और उत्तर भारत के ईसाई समुदाय के बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। पूरे चर्च परिसर में उत्सव, श्रद्धा और शांति का माहौल देखने को मिला। प्रार्थना सभा के दौरान क्रिसमस कैरोल, भजन और सामूहिक प्रार्थनाएं की गईं। दिल्ली के बिशप राइट रेवरेंड डॉ. पॉल स्वरूप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए विशेष प्रार्थना की। इस दौरान चर्च में मौजूद लोगों ने एक-दूसरे को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं और प्रेम व भाईचारे का संदेश फैलाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश को दी क्रिसमस की शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने लिखा कि कैथेड्रल चर्च में आयोजित क्रिसमस की सुबह की प्रार्थना सभा प्रेम, शांति और करुणा के शाश्वत संदेश को दर्शाती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि क्रिसमस की भावना समाज में आपसी सद्भाव और सौहार्द को और मजबूत करेगी। इससे पहले प्रधानमंत्री ने देशवासियों को क्रिसमस की शुभकामनाएं देते हुए कहा था कि यह पर्व शांति, करुणा और आशा का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि यीशु मसीह की शिक्षाएं हमें प्रेम, सहनशीलता और एकता का रास्ता दिखाती हैं, जो आज के समाज के लिए बेहद जरूरी हैं।
पहले भी बन चुके हैं क्रिसमस आयोजन का हिस्सा
पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ईसाई समुदाय के साथ लगातार संवाद देखने को मिला है। वर्ष 2023 में उन्होंने ईस्टर के अवसर पर दिल्ली के सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया था। उसी साल क्रिसमस के मौके पर उन्होंने अपने सरकारी आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर ईसाई समुदाय के लिए विशेष कार्यक्रम की मेजबानी भी की थी।
वर्ष 2024 में प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के निवास पर आयोजित डिनर में हिस्सा लिया और इसके अलावा कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री का यह नियमित जुड़ाव देश की विविधता और सभी धर्मों के प्रति सम्मान को दर्शाता है।
सामाजिक सौहार्द और धार्मिक एकता का दिया संदेश
प्रधानमंत्री की इस मौजूदगी को सामाजिक सौहार्द और धार्मिक एकता के मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है। क्रिसमस जैसे त्योहारों पर इस तरह की भागीदारी समाज में विश्वास, भाईचारे और आपसी समझ को और गहरा करती है।



