दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर उन्नाव पीड़िता समर्थकों का प्रदर्शन

 कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद राजधानी में विरोध की लहर उठ गई है। उन्नाव पीड़िता के समर्थक दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर एकत्र हुए और “न्याय दो, न्याय दो” के नारे लगाए।

दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर प्रदर्शन

उन्नाव रेप केस के दोषी और पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद राजधानी में विरोध की लहर उठ गई है। शुक्रवार सुबह बड़ी संख्या में उन्नाव पीड़िता के समर्थक दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर एकत्र हुए और “न्याय दो, न्याय दो” के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह जमानत न केवल पीड़िता के लिए खतरा है बल्कि देश के न्याय तंत्र के लिए भी “नैतिक झटका” है।

मामला क्या है?

17 वर्षीय नाबालिग से बलात्कार के मामले में सेंगर को 2019 में दिल्ली की विशेष POCSO अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच ने उनकी सजा को अपील सुनवाई तक निलंबित करते हुए सशर्त जमानत दी। कोर्ट ने कहा कि सेंगर अन्य केसों में सजा काटने तक जेल में रहेंगे और पीड़िता के इलाके से 5 किमी के दायरे में नहीं जा सकेंगे।

विरोध की वजह

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सशर्त जमानत का फैसला “पीड़िता की सुरक्षा को खतरे में डालता है।” उन्नाव केस में पहले भी पीड़िता के परिजनों पर हमले हो चुके हैं और उसके पिता की हत्या पुलिस हिरासत में हुई थी।
महिला संगठनों और छात्र समूहों ने कोर्ट के बाहर प्लेकार्ड लेकर विरोध किया, जिन पर लिखा था — “दोषियों की जमानत, न्याय पर आघात” और “सशर्त नहीं, रद्द करो बेल।”

पुलिस की तैनाती और स्थिति

दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट परिसर के चारों ओर सुरक्षा बढ़ा दी है। भीड़ को संभालने के लिए अतिरिक्त बल और महिला पुलिसकर्मी तैनात की गई हैं। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। ट्रैफिक विभाग ने नजदीकी मार्गों पर डायवर्जन जारी किया है। पुलिस ने कहा कि “स्थिति नियंत्रण में है और प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा।”

पीड़िता का बयान और न्याय की मांग

पीड़िता ने मीडिया से कहा, “हम डर में जी रहे हैं। जिस शख्स ने हमारा जीवन नष्ट किया, उसे आज आजादी मिली हुई है।” उसके परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत रद्द करने के लिए याचिका दायर करने का ऐलान किया है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, टीएमसी और समाजवादी पार्टी ने कोर्ट के फैसले की आलोचना की। राहुल गांधी ने कहा — “यह न्याय नहीं, विफलता है। भारत एक ‘मृत समाज’ बनता जा रहा है जहां बलात्कारियों को राहत और पीड़ितों को भय मिलता है।”
बीजेपी ने प्रतिक्रिया में कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है और कानून अपना काम करेगा।

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