Sajjan Kumar Life Sentence: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला 12 फरवरी 2025 को आया, जब सज्जन कुमार को सरस्वती विहार इलाके में दो सिखों की हत्या के मामले में दोषी पाया गया। कोर्ट ने उन्हें हिंसक भीड़ का नेतृत्व करने का दोषी ठहराया, जिसने सिख परिवारों पर हमला किया, उनकी हत्याएं की और संपत्ति को आग के हवाले कर दिया। Sajjan Kumar ने सजा में रियायत की अपील की थी, और इस पर बहस 18 फरवरी 2025 को हुई थी। 25 फरवरी 2025 को सिख समुदाय ने न्याय की मांग को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया।
Sajjan Kumar, जो 80 साल के हो चुके हैं, ने अदालत में सजा के दौरान अपनी उम्र और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए दलील दी कि उन्हें मौत की सजा नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ”मैं 80 साल का हो चला हूं और कई बीमारियों से जूझ रहा हूं। मुझे 2018 से जेल में बंद किया गया है और तब से मुझे कोई परोल नहीं मिली है।” उन्होंने यह भी कहा कि वह 1984 के दंगों के बाद किसी भी आपराधिक मामले में शामिल नहीं रहे और जेल में उनका आचरण अच्छा रहा है। उनके अनुसार, यह सजा सुधारात्मक हो सकती है, और उन्होंने मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए कम से कम सजा की मांग की।
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1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद यह एक बड़ा फैसला है, जिसमें हजारों सिखों की हत्या हुई थी। सज्जन कुमार पर पहले दिल्ली कैंट में पांच सिखों की हत्या में दोषी पाया गया था, जिसके बाद उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी। इस नए फैसले के बाद सिख समुदाय के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि न्याय मिलेगा, लेकिन कुछ ने सज्जन कुमार के लिए मौत की सजा की भी मांग की है। 25 फरवरी को कोर्ट के बाहर प्रदर्शनकारियों ने ‘सज्जन कुमार को फांसी दो’ के नारे लगाए, जबकि उनके वकील सजा में नरमी की बात कर रहे हैं।
यह मामला 1984 के दंगों से जुड़े अन्य मामलों के बाद एक अहम कड़ी के रूप में सामने आया है, और न्याय की लंबी लड़ाई के रूप में इसे देखा जा रहा है। अब यह देखना बाकी है कि अदालत सज्जन कुमार की सजा में क्या बदलाव करती है, लेकिन यह मामला पीड़ितों के लिए न्याय की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।