सर्वसमावेशी अभियान के साथ संघ की नई पहल, विजयादशमी से होगा शुभारंभ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक 4 से 6 जुलाई तक केशव कुंज, दिल्ली में आयोजित की गई, जो रविवार को संपन्न हो गई।

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Delhi News : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक 4 से 6 जुलाई तक केशव कुंज, दिल्ली में आयोजित की गई, जो रविवार को संपन्न हो गई। इस अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर जी ने बैठक में हुई चर्चाओं और भावी योजनाओं की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि बैठक में पूजनीय सरसंघचालक जी और माननीय सरकार्यवाह जी का मार्गदर्शन सभी उपस्थित कार्यकर्ताओं को प्राप्त हुआ। प्रमुख विषय रहा संघ के शताब्दी वर्ष (2025-2026) की योजना, जिसमें समाज के सभी वर्गों की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए ग्राम स्तर पर “मंडल” और शहरी क्षेत्रों में “बस्ती” स्तर पर हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।

हिन्दू सम्मेलनों की बनाई गई योजना

आंबेकर जी ने बताया कि संघ रचना के अनुसार देश में वर्तमान में 58,964 मंडल और 4,455 बस्तियां हैं। इन क्षेत्रों में आयोजित सम्मेलनों में सामाजिक एकता, उत्सवों के माध्यम से समुदाय को जोड़ना, और पंच परिवर्तन जैसे विषयों पर चर्चा होगी। इसके अतिरिक्त, 11,360 खंडों और नगरों में सामाजिक समरसता को बढ़ाने के लिए सद्भाव बैठकों का आयोजन किया जाएगा।

देश के 924 जिलों में प्रमुख नागरिकों के साथ विचार-गोष्ठियों का आयोजन होगा, जिसमें ‘भारत का विचार’, ‘भारत का गौरव’ और ‘भारत का स्व’ जैसे विषयों पर संवाद होगा। समाज के विभिन्न समूहों, व्यवसायों और वर्गों के प्रतिनिधियों को इसमें आमंत्रित किया जाएगा।

वृहद गृह संपर्क अभियान

संघ शताब्दी वर्ष के दौरान एक वृहद गृह संपर्क अभियान भी चलाएगा, जिसमें हर गांव और बस्ती के अधिकतम घरों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। इस अभियान का लक्ष्य समाज के हर वर्ग तक संघ का संदेश पहुंचाना और हर व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित करना होगा। यह पहल सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी होगी।

संघ के शताब्दी वर्ष की शुरुआत देशभर में आयोजित होने वाले विजयादशमी उत्सवों के साथ की जाएगी। इन उत्सवों में सभी स्वयंसेवक भाग लेंगे और सामाजिक एकता का संदेश देंगे। आंबेकर जी ने कहा कि देश आर्थिक और तकनीकी रूप से प्रगति कर रहा है, लेकिन केवल भौतिक विकास पर्याप्त नहीं है। सामाजिक मूल्यों, पर्यावरण की चिंता, परिवार में नैतिकता और समाज में आपसी समरसता को भी समान महत्व दिया जाना चाहिए। पंच परिवर्तन के माध्यम से इन विचारों को समाज तक पहुंचाया जाएगा।

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बैठक में मणिपुर की स्थिति पर भी चर्चा हुई, जहां संघ के स्वयंसेवक सामाजिक सद्भाव स्थापित करने के लिए दोनों पक्षों के बीच संवाद कर रहे हैं। सीमावर्ती प्रांतों से आए कार्यकर्ताओं ने वहां के अनुभव साझा किए। बताया गया कि संघ कार्यकर्ता स्थानीय समाज के साथ मिलकर समस्याओं के समाधान में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। अप्रैल से जून 2025 के बीच आयोजित 100 प्रशिक्षण वर्गों में 21,000 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया। इनमें 40 वर्ष से कम आयु के 17,609 और 40-60 वर्ष आयु वर्ग के 4,270 स्वयंसेवक शामिल रहे। देश के 8,812 स्थानों से आए इन स्वयंसेवकों ने संघ के कार्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया।

(पीयूष तिवारी)

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