Sanjay Singh : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर समझौते को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश के 140 करोड़ नागरिकों के दिलों में यह सवाल गूंज रहा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के दबाव में आकर राष्ट्र के सम्मान के साथ समझौता कर लिया है?
संजय सिंह(Sanjay Singh) ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में हमारे सैनिकों और बहनों पर चोट पहुंची, जिसके बाद पूरा देश एक स्वर में कह रहा था – दुश्मन को घर में घुसकर मारो। पूरा देश सेना के साथ खड़ा था, लेकिन जब सेना ने जवाबी कार्रवाई की और आतंकियों के ठिकाने नष्ट किए, तो बीच में ही शांति की पहल क्यों की गई? उन्होंने कहा, “पीओके को भारत में मिलाना और बलूचिस्तान को स्वतंत्र करना – यह देश की भावना थी। अगर सेना को खुली छूट मिलती तो आज पीओके हमारे कब्जे में होता और बलूचिस्तान पाकिस्तान से अलग हो चुका होता।”
भारतीय सेना की कार्रवाई का जिक्र करते हुए संजय सिंह ने दावा किया कि सेना ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर 9 आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि जिन आतंकियों ने हमारे बहनों की मांग का सिंदूर उजाड़ा, वे चार आतंकी कहां हैं? क्या प्रधानमंत्री मोदी अब उस पाकिस्तान पर भरोसा कर रहे हैं जिसकी सेना आतंकवादियों के साथ खड़ी दिखती है?
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संजय सिंह ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद सीजफायर समझौते को मंजूरी दी। उन्होंने कहा, “अमेरिका कहता है कि भारत और पाकिस्तान दोनों ताकतवर देश हैं, हमने व्यापार बंद करने की चेतावनी दी और तुरंत सीजफायर हो गया। प्रधानमंत्री ने न तो ट्रंप की बातों का खंडन किया, न ही पाकिस्तान को कोई स्पष्ट संदेश दिया।”