New Delhi : भारत माता के दो वीर सपूतों—लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद—की जयंती के अवसर पर शिवसेना (शिंदे गुट) के मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक, एनडीए और चुनाव प्रभारी डॉ. अभिषेक वर्मा ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि ये दोनों ही स्वतंत्रता सेनानी बुलंद हौसलों और अद्वितीय राष्ट्रभक्ति के प्रतीक थे।
डॉ. वर्मा ने तिलक को याद करते हुए कहा, “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूंगा” — यह नारा आज भी युवाओं में ऊर्जा और जागरूकता भर देता है। तिलक की 165वीं जयंती पर उन्होंने कहा कि कृतज्ञ राष्ट्र उनके योगदान को हमेशा स्मरण रखेगा।
आजाद का अदम्य साहस आज भी प्रेरणा
चंद्रशेखर आजाद के बारे में डॉ. वर्मा ने कहा, “दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद रहेंगे” — यह नारा न केवल उनके साहस को दर्शाता है बल्कि आज भी देशभक्ति की भावना को जीवंत करता है। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर आजाद एक निर्भीक और दृढ़ निश्चयी क्रांतिकारी थे जिनकी जीवनी हर भारतीय के लिए प्रेरणा है।
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डॉ. अभिषेक वर्मा ने कहा कि भारत उस समय गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था, लेकिन तिलक और आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने अपने विचारों और संघर्ष से ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी। उन्होंने देश को स्वतंत्र सोच और आत्मबल की राह दिखाई।
क्रांतिकारियों के बलिदान को नमन
इस अवसर पर डॉ. वर्मा ने युवाओं से आह्वान किया कि वे इन महापुरुषों के विचारों और बलिदान से प्रेरणा लें और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि देश आज जो भी स्वतंत्रता का आनंद ले रहा है, उसमें इन वीरों का योगदान अमूल्य है।