Three New ISBTs : दिल्ली में तीन नए आईएसबीटी (अंतरराज्यीय बस टर्मिनल) बनने की योजना बनाई जा रही है, ताकि बाहरी राज्यों की बसें शहर के अंदर प्रवेश न करें।
इससे दिल्ली में प्रदूषण और ट्रैफिक जाम, विशेषकर कश्मीरी गेट इलाके में, कम होने की उम्मीद है। ये तीन(Three New ISBTs) नए आईएसबीटी टीकरी बॉर्डर, नरेला और द्वारका-21 में बनाए जाएंगे। इन बस टर्मिनलों के बनने के बाद हर दिन लगभग 2000 बसों को दिल्ली के अंदर जाने से रोका जा सकेगा।
वर्तमान स्थिति
अभी कश्मीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खां के आईएसबीटी से हर दिन लगभग 3500 अंतरराज्यीय बसें और 2000 लोकल बसें चलती हैं। ये बसें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों से दिल्ली में प्रवेश करती हैं, जिससे प्रदूषण और ट्रैफिक की समस्या बढ़ती है।
टीकरी बॉर्डर आईएसबीटी
टीकरी बॉर्डर पर बनने वाले नए आईएसबीटी को 29,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। इस जगह पर हरियाणा की बसों को रोका जाएगा, जो सिंघु और टीकरी बॉर्डर के रास्ते दिल्ली में प्रवेश करती हैं। इस परियोजना के लिए जमीन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और पीडब्ल्यूडी ने इसे आईएसबीटी के लिए देने पर सहमति दे दी है।
नरेला आईएसबीटी
नरेला में बनने वाले आईएसबीटी की योजना काफी पुरानी है, लेकिन जमीन पर अतिक्रमण के कारण काम नहीं हो पाया। अब दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना के निर्देश पर डीडीए ने नई जमीन की तलाश शुरू कर दी है। इस आईएसबीटी को 1 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में विकसित किया जाना है, लेकिन पहले से आवंटित जमीन पर कब्जा नहीं मिल पाया है।
द्वारका आईएसबीटी
द्वारका सेक्टर-21 में बनने वाला आईएसबीटी मेट्रो स्टेशन के सामने स्थित होगा। इस आईएसबीटी के लिए जमीन पहले ही उपलब्ध कराई जा चुकी है और चारदीवारी भी बना दी गई है। इस योजना के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। द्वारका आईएसबीटी 27 एकड़ भूमि पर बनेगा और इसका काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
क्या है योजना ?
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच इस योजना पर सहमति बन चुकी है और दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (डीटीआईडीसी) इसे लागू कर रहा है। इन तीनों आईएसबीटी को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में चलाने की योजना बनाई जा रही है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य दिल्ली में वाहनों की संख्या को नियंत्रित करना, प्रदूषण को कम करना और ट्रैफिक जाम से राहत दिलाना है। अगर सभी प्रक्रियाएं ठीक रहीं, तो आने वाले सालों में दिल्ली को ये तीन नए आईएसबीटी मिल सकते हैं, जिससे बाहरी राज्यों की बसों को शहर के अंदर प्रवेश करने से रोका जा सकेगा।