Kuldeep Singh Sengar Interim Stay: साल 2017 के चर्चित उन्नाव बलात्कार मामले में दोषी पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को आज सुप्रीम कोर्ट से जबरदस्त झटका लगा है। देश की शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस विवादित फैसले पर अंतरिम रोक (Stay) लगा दी है, जिसमें सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित कर उन्हें जमानत दी गई थी। चीफ जस्टिस जस्टिस सूर्या कांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपराध की गंभीरता और सीबीआई की दलीलों को स्वीकार करते हुए यह आदेश जारी किया। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब सेंगर जेल में ही रहेंगे और उन्हें फिलहाल कोई राहत नहीं मिलेगी। इस खबर ने देश के कानूनी और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, जिसे न्याय की बड़ी जीत माना जा रहा है।
हाईकोर्ट का फैसला और देशव्यापी आक्रोश
बीते 23 दिसंबर 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंगर को यह कहते हुए सशर्त जमानत दे दी थी कि उन्होंने सजा का एक लंबा हिस्सा (करीब 7 साल 5 महीने) जेल में काट लिया है। हाईकोर्ट ने यह भी तर्क दिया था कि तकनीकी आधार पर एक विधायक को “लोक सेवक” नहीं माना जा सकता, जिससे पॉक्सो (POCSO) एक्ट की कड़ी धाराएं प्रभावित होती हैं।
इस फैसले के बाद जंतर-मंतर पर भारी विरोध प्रदर्शन हुए। पीड़िता और महिला संगठनों ने इसे “अन्याय की पराकाष्ठा” करार दिया था। पीड़िता ने भावुक होकर कहा था कि यह फैसला उसके परिवार के लिए “मौत के वारंट” जैसा है।
सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की जोरदार दलीलें
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सीबीआई ने 26 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। आज सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि:
लोक सेवक का दर्जा: एल.के. आडवाणी केस का हवाला देते हुए सीबीआई ने कहा कि विधायक एक लोक सेवक होता है और पद का दुरुपयोग कर किया गया अपराध जघन्य श्रेणी में आता है।
सुरक्षा का खतरा: सेंगर एक शक्तिशाली व्यक्ति हैं, उनकी रिहाई से पीड़िता और गवाहों की जान को गंभीर खतरा हो सकता है।
अपराध की प्रकृति: 16 साल से कम उम्र की नाबालिग के साथ बलात्कार जैसे मामले में सजा का निलंबन गलत मिसाल पेश करेगा।
न्याय की उम्मीद बरकरार
सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच ने इन दलीलों को गंभीर माना और हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। हालांकि, यह रोक अंतरिम है और मामले की विस्तृत सुनवाई बाद में होगी, लेकिन फिलहाल Kuldeep Singh Sengar के बाहर आने के रास्ते बंद हो गए हैं। पीड़िता ने फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा था, आज फिर न्याय की जीत हुई है।”





