lutyens Delhi में अलवर राजघराने का नया ठिकाना किसने खरीदा 100 करोड़ का बंगला, रॉयल अंदाज में बिखेरा जलवा

अलवर राजघराने के यशवंत सिंह ने दिल्ली के लुटियंस जोन के गोल्फ लिंक्स में 100 करोड़ रुपये में आलीशान बंगला खरीदा है।

Yashwant Singh Alwar Royal Family Lutyens Delhi Bungalow : दिल्ली का लुटियंस जोन, जिसे भारत की सबसे पॉश और रॉयल कॉलोनी माना जाता है, एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस बार वजह बने हैं अलवर के राजघराने से जुड़े यशवंत सिंह, जिन्होंने यहां के गोल्फ लिंक्स इलाके में करीब 100 करोड़ रुपये में एक शानदार बंगला खरीदा है। यह इलाका वैसे भी अपनी शाही बंगलों और अमीर हस्तियों की वजह से हमेशा चर्चा में रहता है।

कौन हैं यशवंत सिंह?

यशवंत सिंह अलवर के पुराने शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह न केवल एक रॉयल पर्सनालिटी हैं बल्कि राजनीति और कारोबार में भी उनकी अच्छी पकड़ है। बताया जाता है कि यशवंत सिंह का कांग्रेस पार्टी से भी करीबी रिश्ता है, जिससे यह डील और भी सुर्खियों में आ गई है।

यशवंत सिंह अपने परिवार की विरासत को आधुनिक समय में भी उसी शाही अंदाज से आगे बढ़ा रहे हैं। वह सिर्फ अपने शाही ठाठ-बाट के लिए ही नहीं, बल्कि समाजिक और कारोबारी दुनिया में भी एक मजबूत नाम के तौर पर पहचाने जाते हैं।

कैसा है यशवंत सिंह का नया बंगला?

यशवंत सिंह ने जो बंगला खरीदा है, वह करीब 867 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। यह सिर्फ एक मकान नहीं बल्कि रुतबे और शानो-शौकत का प्रतीक है। लुटियंस दिल्ली में ऐसे आलीशान बंगलों की कीमत 100 करोड़ से लेकर 500 करोड़ रुपये तक होती है और यहां रहना बहुत बड़ी बात मानी जाती है।

क्यों खास है लुटियंस जोन?

लुटियंस जोन दिल्ली का वो हिस्सा है, जहां देश के बड़े कारोबारी, नेता और फिल्मी हस्तियां रहते हैं। गोल्फ लिंक्स, पृथ्वीराज रोड और भगवान दास रोड जैसी जगहों पर खूबसूरत बंगलों के बीच हरियाली और शांति का माहौल मिलता है। यहां की सड़कों पर भीड़-भाड़ नहीं होती और सुरक्षा के लिहाज से भी यह इलाका सबसे सुरक्षित माना जाता है।

यही वजह है कि हर कोई यहां घर खरीदने का सपना देखता है, लेकिन करोड़ों की कीमत और सीमित बंगलों की वजह से यह सपना कुछ गिने-चुने लोगों तक ही सिमट कर रह जाता है। यशवंत सिंह का इस इलाके में घर लेना उनकी शाही पहचान और मजबूत सामाजिक स्थिति का एक और उदाहरण है। यह खरीददारी उनके रॉयल स्टेटस और राजनीतिक-कॉरपोरेट रसूख का बड़ा उदाहरण है।

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