Delhi News : दीपावली के बाद राजधानी दिल्ली में मौसम की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। प्रदूषण और घने कोहरे के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और सामान्य जनजीवन पर भी असर पड़ा है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण और मौसम सुधार के लिए कई अहम कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इन प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी है।
प्रदूषण रोकने के लिए तीन अहम रणनीतियाँ लागू
मंत्री सिरसा के अनुसार, दिल्ली में वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए तीन मुख्य मोर्चों पर काम किया जा रहा है:
- वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण
- निर्माण कार्यों पर सख्त निगरानी ताकि पीएम 2.5 स्तर घटाया जा सके
- औद्योगिक इकाइयों की निगरानी, ताकि वे प्रदूषण फैलाने से बचें
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर न सिर्फ स्थानीय गतिविधियों का असर पड़ता है, बल्कि नोएडा, गाजियाबाद जैसे आसपास के इलाकों से आने वाला प्रदूषण भी इसकी स्थिति को और खराब करता है। राजधानी में लगभग 3 करोड़ की आबादी है, और इतने बड़े क्षेत्र में प्रदूषण पर नियंत्रण पाना एक बड़ी चुनौती है।
मुख्यमंत्री की अगुवाई में चल रहा ‘वॉर रूम’
मंत्री सिरसा ने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार एक व्यापक रणनीति पर काम कर रही है। इस रणनीति की निगरानी के लिए एक बड़ा ‘वॉर रूम’ बनाया गया है, जहां से पूरे दिन प्रदूषण से जुड़ी स्थिति पर नजर रखी जाती है। आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है और ज़रूरत पड़ने पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है।
क्लाउड सीडिंग से मिलेगी राहत
प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सरकार एक विशेष तकनीक पर भी काम कर रही है—क्लाउड सीडिंग, जिसे आमतौर पर आर्टिफिशियल रेन कहा जाता है। मंत्री सिरसा ने बताया कि इस तकनीक को लागू करने की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। यदि मौसम अनुकूल रहा, तो कृत्रिम बारिश के ज़रिए वायु प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बारिश होने से हवा में मौजूद जहरीले कण नीचे बैठ जाते हैं, जिससे लोगों को साफ हवा मिल सकती है।
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