नए साल का जश्न लगभग 4000 साल पुरानी परंपरा है, जो प्राचीन बेबीलोन से शुरू हुआ। रोमन सम्राट जूलियस सीजर ने 46 ईसा पूर्व जूलियन कैलेंडर से 1 जनवरी को आधिकारिक न्यू ईयर डे बनाया।
बेबीलोनियन अकितू: सबसे पुराना जश्न
लगभग 2000 ईसा पूर्व मेसोपोटामिया के बेबीलोन में चंद्र-सौर कैलेंडर पर आधारित अकितू फेस्टिवल मनाया जाता था। वसंत विषुव के बाद नए चांद पर 11-12 दिनों तक यह उत्सव चलता, जिसमें राजा मर्दुक देवता को समर्पित होता। कर्ज चुकाना, नए संकल्प लेना और सामूहिक भोज प्रमुख थे। यह मानव इतिहास का पहला दर्ज न्यू ईयर सेलिब्रेशन माना जाता है।
रोमन जूलियन कैलेंडर: 1 जनवरी की शुरुआत
प्राचीन रोमन कैलेंडर में साल मार्च से शुरू होता था (मार्स देवता के नाम पर)। 46 ईसा पूर्व जूलियस सीजर ने एस्ट्रोनॉमर सोसिगेनेस की मदद से जूलियन कैलेंडर लागू किया, जिसमें जनवरी को पहला महीना बनाया। जनवरी जानुस देवता (दो मुख वाला—पीछे अतीत, आगे भविष्य) के नाम पर था। रोमवासी पार्टी, उपहार (सिक्के, शाखाएं) और बलिदान से जश्न मनाते।
मध्ययुग और ग्रेगोरियन सुधार
मध्ययुग में ईसाई प्रभाव से कई देशों में न्यू ईयर क्रिसमस या ईस्टर पर शिफ्ट हो गया। 1582 में पोप ग्रेगोरी-XIII ने ग्रेगोरियन कैलेंडर से 1 जनवरी को बहाल किया, जो आज वैश्विक मानक है।
आधुनिक जश्न का विकास
19वीं सदी में टाइम्स स्क्वायर बॉल ड्रॉप (1907) जैसी परंपराएं शुरू हुईं। आज आतिशबाजी, पार्टी और संकल्प वैश्विक हैं, लेकिन जड़ें प्राचीन बेबीलोन-रोम में हैं।
