हाई-डोज पेनकिलर पर गाज: 100 एमजी से ऊपर की सभी निमेसुलाइड टैबलेट्स बैन, ICMR रिपोर्ट के बाद सरकार सख्त

सरकार ने 100 एमजी से ज्यादा डोज वाली निमेसुलाइड दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग, बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन पर तुरंत बैन लगा दिया। ICMR की रिपोर्ट में लिवर-किडनी पर गंभीर साइड इफेक्ट सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया। ​

सरकार ने दर्द और बुखार में दी जाने वाली दवा निमेसुलाइड की 100 एमजी से अधिक डोज वाली सभी ओरल गोलियों पर तुरंत रोक लगा दी है। आदेश के बाद अब ऐसी हाई-डोज टैबलेट्स की मैन्युफैक्चरिंग, बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन गैरकानूनी हो गया है।

सरकार का नया आदेश क्या है?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 29 दिसंबर 2025 की गजट नोटिफिकेशन के ज़रिए 100 एमजी से ज्यादा डोज वाली सभी इमीजिएट-रिलीज़ ओरल निमेसुलाइड फॉर्मुलेशन पर प्रतिबंध लगाया। यह आदेश ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 की धारा 26A के तहत जारी किया गया है और तत्काल प्रभाव से लागू हो गया।
यानि अब कंपनियां 100 एमजी से ऊपर की निमेसुलाइड गोलियां न तो बना सकेंगी, न बेच सकेंगी और न ही सप्लाई कर पाएंगी।

प्रतिबंध की वजह: सेफ्टी और साइड इफेक्ट्स

ICMR और ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने पाया कि हाई डोज निमेसुलाइड से लिवर और किडनी को गंभीर नुकसान, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग और कुछ मामलों में जानलेवा जटिलताएं हो सकती हैं, खासकर बुजुर्गों और 18 साल से कम उम्र के लोगों में।
मंत्रालय ने कहा कि 100 एमजी से ऊपर की डोज इंसानों के लिए जोखिमभरी है, जबकि मार्केट में इससे ज्यादा सुरक्षित विकल्प पहले से उपलब्ध हैं, इसलिए पब्लिक इंटरेस्ट में यह कदम जरूरी है।

किन दवाओं पर तुरंत असर?

यह बैन उन सभी ब्रांडेड टैबलेट्स/कैप्सूल पर लागू है जिनमें निमेसुलाइड 100 एमजी से ज्यादा स्ट्रेंथ में मौजूद है और जो इमीजिएट-रिलीज़ फॉर्म में दी जाती हैं।
100 एमजी या उससे कम डोज वाली कुछ फॉर्मुलेशन और वैकल्पिक पेनकिलर फिलहाल उपलब्ध रहेंगे, लेकिन कंपनियों को हाई-डोज स्टॉक्स की रिकॉल प्रक्रिया शुरू करनी होगी।

पहले जानवरों के लिए भी लगी थी रोक

पिछले साल सरकार ने गिद्धों और अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए पशुओं में इस्तेमाल होने वाली निमेसुलाइड इंजेक्शन और फॉर्मुलेशन पर भी प्रतिबंध लगाया था, क्योंकि शव खाने के दौरान गिद्धों की मौत के मामले सामने आए थे।
अब इंसानों के लिए भी हाई-डोज पर बैन, दवा सुरक्षा को लेकर सरकार की सख्ती की अगली कड़ी माना जा रहा है।

आम लोगों को क्या सावधानी रखनी चाहिए?

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