अनिल अंबानी समूह की कानूनी मुश्किलें बढ़ते-बढ़ते अब उनके बेटे जय अनमोल अंबानी तक पहुंच गई हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) से जुड़े 228 करोड़ रुपये के कथित बैंक फ्रॉड केस में जय अनमोल, कंपनी के पूर्व CEO रविंद्र शरद सुधालकर और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है।
CBI का केस किस मामले में है?
शिकायत के अनुसार RHFL ने 2015 में तत्कालीन आंध्रा बैंक (जो अब यूनियन बैंक में मर्ज हो चुका है) से 450 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाएं बिजनेस जरूरतों के नाम पर ली थीं, जिन पर समय पर ब्याज व किस्तें चुकाने, सिक्योरिटी डिटेल और बिक्री से होने वाली आय बैंक खाते से ही रूट करने जैसी शर्तें लगाई गई थीं। बैंक का आरोप है कि 2016 से 2019 के बीच बड़ी मात्रा में लोन राशि का दुरुपयोग हुआ, रकम अन्य ग्रुप कंपनियों और “Potentially Indirectly Linked Entities (PILE)” को ट्रांसफर की गई और फंड्स को असल उद्देश्य से हटाकर दूसरी जगह डायवर्ट किया गया।
यूनियन बैंक द्वारा कराए गए फॉरेंसिक ऑडिट में पाया गया कि लगभग 12,573 करोड़ रुपये के कॉरपोरेट लोन का 86% हिस्सा ऐसी PILE एंटिटीज़ को दिया गया, जहां पुनर्भुगतान क्षमता और वास्तविक कारोबार पर ठीक से विचार नहीं किया गया था। RHFL का अकाउंट 30 सितंबर 2019 को NPA घोषित हुआ और बाद में रिज़ोल्यूशन प्लान के तहत बैंक को केवल करीब 60 करोड़ रुपये ही रिकवरी के रूप में मिले, जबकि कुल बकाया 228 करोड़ रुपये से अधिक था।
FIR में क्या आरोप और आगे की कार्रवाई?
CBI ने 6 दिसंबर 2025 को दर्ज FIR में IPC की धोखाधड़ी (cheating), आपराधिक साज़िश (criminal conspiracy), आपराधिक भरोसा भंग (criminal breach of trust) और भ्रष्टाचार निवारण कानून की धाराएँ लगाई हैं। एजेंसी का आरोप है कि उस समय के प्रमोटर/डायरेक्टर के रूप में जय अनमोल अंबानी और अन्य ने खातों की हेराफेरी कर लोन राशि का फ्रॉडulent मिस–एप्रोप्रिएशन और सिफॉनिंग की, जिससे बैंक को 228.06 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
CBI ने मुंबई में RHFL के दो दफ्तरों, जय अनमोल अंबानी के घर और पूर्व CEO सुधालकर के ठिकानों पर छापे भी मारे हैं और इलेक्ट्रॉनिक डेटा व फाइनेंशियल रिकॉर्ड ज़ब्त किए हैं।
ED की समानांतर कार्रवाई और समग्र संकट
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में अनिल अंबानी समूह की लगभग 9,000 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच कर चुका है, जिनमें नवी मुंबई, चेन्नई, पुणे, भुवनेश्वर और दिल्ली–मुंबई जैसी जगहों की जमीनें, ऑफिस और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज़ शामिल हैं। इन कार्रवाइयों की जड़ में लगभग 17,000 करोड़ रुपये के कुल बैंक लोन फ्रॉड से जुड़ी विभिन्न केस–फाइलें हैं, जिन पर CBI और ED दोनों स्तर पर जांच चल रही है।
जय अनमोल के खिलाफ यह CBI का पहला औपचारिक क्रिमिनल केस माना जा रहा है, जिसे विश्लेषक रिलायंस एनील धीरुभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) पर बढ़ती कानूनी सख्ती का नया चरण बता रहे हैं।
