नए लेबर कोड के लागू होने से कंपनियों की HR नीतियों में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। इन कोड्स का उद्देश्य मजदूरों और कर्मचारियों को सुरक्षा, पारदर्शिता और बेहतर सुविधाएं देना है, साथ ही कंपनियों को आधुनिक और लचीला श्रम प्रबंधन अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
HR नीतियों में होने वाले बड़े बदलाव
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सैलरी ब्रेकअप और वेतन संरचना
कंपनियों को सैलरी स्ट्रक्चर फिर से डिज़ाइन करना होगा। बेसिक सैलरी कम-से-कम 50% करना अनिवार्य है जिससे PF, ग्रेच्युटी और अन्य सोशल सिक्योरिटी डिडक्शन बढ़ेंगे। एलाउंस कम हो सकते हैं। -
वर्किंग ऑवर्स और ओवरटाइम
वर्किंग ऑवर्स की अधिकतम सीमा 48 घंटे प्रति सप्ताह और एक शिफ्ट में 8-12 घंटे होगी। ओवरटाइम भुगतान और रिकॉर्ड रखना कंपनी की जिम्मेदारी होगा। -
लीव और छुट्टी का नया प्रोटोकॉल
साप्ताहिक छुट्टी अनिवार्य है। HR को कर्मचारी की छुट्टियां ट्रैक करनी होंगी और उचित भुगतान सुनिश्चित करना होगा। -
फिक्स्ड टर्म इम्प्लॉयी बेनिफिट
फिक्स्ड-टर्म इम्प्लॉयी को भी ग्रेच्युटी, सोशल सिक्योरिटी का लाभ देना होगा, जिससे टेम्पररी वर्कर्स के मानक लाभ बढ़ेंगे। -
महिला सुरक्षा और रात्रि शिफ्ट
यदि महिलाएं रात में या जोखिमपूर्ण स्थानों पर काम करती हैं, तो ट्रांसपोर्ट, सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखना होगा। HR को जेंडर एक्वालिटी और POSH प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करना जरूरी होगा। -
वर्क फ्रॉम होम और फ्लेक्सी वर्किंग
IT, सर्विस सेक्टर में HR नीतियों में लचीलापन बढ़ेगा; वर्क फ्रॉम होम, फ्लेक्सी टाइम आदि को पॉलीसी फ्रेमवर्क में शामिल करना पड़ेगा। -
डिस्प्यूट मैनेजमेंट और ट्राइब्यूनल की प्रक्रिया
कर्मचारियों से जुड़ी शिकायतें, विवादों का त्वरित निपटारा; HR को Internal Grievance System और लेबर ट्राइब्यूनल के साथ समन्वय रखना होगा। -
नए डॉक्युमेंटेशन और रिकॉर्ड की जरूरत
सामाजिक सुरक्षा, सैलरी, छुट्टी, ओवरटाइम, सेफ्टी डाटा आदि का डिजिटल रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा; इससे ऑडिट ट्रेल और रिपोर्टिंग आसान होगी। -
ट्रेनिंग और अवेयरनेस
HR को कर्मचारियों को नए लेबर कोड, उनके अधिकार, सोशल सिक्योरिटी स्कीम, सेफ्टी स्टैंडर्ड की ट्रेनिंग नियमित रूप से देनी होगी। -
Payroll और Tax Management में बदलाव
PF, ESI, ग्रेच्युटी और टैक्स ब्रेकअप में बदलाव की वजह से पेरोल सॉफ्टवेयर व सिस्टम को अपडेट करना होगा। टेक्निकल टीम और HR का तालमेल जरूरी होगा।
