केरल में स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद उत्तरी जिलों में हिंसा भड़क उठी। कांग्रेस कार्यालय पर हमले और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने जैसी घटनाओं ने राजनीतिक तनाव को चरम पर पहुंचा दिया।
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें छह नगर निगमों में से चार पर कब्जा कर लिया, जबकि सत्ताधारी लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) को झटका लगा। कोझिकोड जिले के एरमला इलाके में स्थित कांग्रेस कार्यालय ‘इंदिरा गांधी भवन’ पर कथित तौर पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के करीब 200 कार्यकर्ताओं ने हथियारों से लैस होकर हमला बोला। एडाचेरी थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, हमलावरों ने कार्यालय में तोड़फोड़ की, जिससे लगभग 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ। इस दौरान इंदिरा गांधी की प्रतिमा को भी नुकसान पहुंचाया गया।
हमले के बाद यूडीएफ कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात कर रातभर मशक्कत के बाद हालात नियंत्रित किए। राज्य के अन्य हिस्सों में भी हिंसा की घटनाएं हुईं। मराड में यूडीएफ की जीत के जुलूस पर पथराव हुआ, जिसमें कई लोग घायल हो गए। वायनाड के सुल्तान बाथरी में माकपा कार्यकर्ताओं ने यूडीएफ कार्यकर्ता की कार पर हमला किया, जबकि कन्नूर के पनूर में मुस्लिम लीग कार्यकर्ताओं के घरों पर पथराव की खबरें आईं।
तिरुवनंतपुरम में माकपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई, जिसमें दोनों पक्षों को चोटें आईं। भाजपा-led एनडीए ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम जीतकर इतिहास रचा। पुलिस ने सभी मामलों में एफआईआर दर्ज की और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी।
ये घटनाएं केरल की तीखी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को दर्शाती हैं, जहां चुनावी हार-जीत के बाद कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह तनाव और बढ़ सकता है।



