कोडीन कफ सिरप की इंटरनेशनल तस्करी करने वाली कंपनियों का लाइसेंस रद्द

भारत में कोडीन कफ सिरप की इंटरनेशनल तस्करी के खिलाफ छापेमारी और जांच के बाद कई कंपनियों के लाइसेंस रद्द और निलंबित कर दिए गए हैं।

भारत में कोडीन कफ सिरप की इंटरनेशनल तस्करी के खिलाफ छापेमारी और जांच के बाद कई कंपनियों के लाइसेंस रद्द और निलंबित कर दिए गए हैं। ड्रग कंट्रोल अथॉरिटीज़ ने पाया कि ये फर्में कोडीन युक्त कफ सिरप का अवैध भंडारण, फर्जी बिलिंग और बिना वैध प्रिस्क्रिप्शन के बड़े पैमाने पर सप्लाई कर रही थीं, जिसका नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय तस्करी से जुड़ता दिखा।​

कोडीन कफ सिरप और इंटरनेशनल तस्करी का मामला

कोडीन (Codeine) एक नियंत्रित नशीला पदार्थ है, जो कफ सिरप में सीमित मात्रा में दर्द/खांसी दबाने के लिए उपयोग होता है, लेकिन बड़ी मात्रा में इसका इस्तेमाल नशे और स्मगलिंग के लिए किया जाता है।​

इनपुट के आधार पर NCB, राज्य पुलिस और ड्रग कंट्रोलर की संयुक्त कार्रवाई में कई गोदामों से कोडीन सिरप की खेप बरामद हुई, जिसके बाद संबंधित फर्मों के लाइसेंस की समीक्षा शुरू हुई।​

किन कंपनियों पर हुई कड़ी कार्रवाई?

ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स रूल्स, 1945 के Rule 66 के तहत राज्य दवा नियंत्रक ने उन कंपनियों/मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस रद्द या निलंबित कर दिए, जिनके खिलाफ ठोस सबूत मिले।​

केंद्र सरकार ने पहले से ही कोडीन-आधारित कफ सिरप को “फेज आउट” करने और इन पर सख्त नियमन बढ़ाने की नीति संकेतित की थी, जिसे अंतरराष्ट्रीय दबाव और WHO की ओर से भारत-निर्मित कफ सिरप पर उठे सवालों के बाद और कड़ा किया जा रहा है।​

क्यों रद्द किया गया लाइसेंस – मुख्य कारण

जांच रिपोर्टों में कुछ प्रमुख उल्लंघन सामने आए:

ड्रग कंट्रोल अधिकारियों ने साफ कहा है कि कोडीन जैसे नशीले तत्वों के गलत उपयोग पर “ज़ीरो टॉलरेंस” रखा जाएगा और जो भी कंपनी या मेडिकल स्टोर इंटरनेशनल या इंटर-स्टेट तस्करी की चेन में शामिल पाए जाएंगे, उनके लाइसेंस रद्द कर आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।

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