केंद्रीय गृह मंत्रालय ने खुफिया इनपुट के आधार पर मध्य प्रदेश के डीजीपी को पत्र लिखकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ संभावित साज़िश की जानकारी दी है। इन इनपुट्स में संकेत है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े तत्व उनके बारे में सूचनाएँ जुटाने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद भोपाल से लेकर दिल्ली तक उनकी सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
MHA का इनपुट और ISI का संदिग्ध मूवमेंट
रिपोर्टों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय को मिली खुफिया रिपोर्ट में संकेत था कि ISI से जुड़े नेटवर्क और प्रॉक्सी मॉड्यूल शिवराज सिंह चौहान की गतिविधियों, यात्रा कार्यक्रम और आवागमन से जुड़ी जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं।
इस threat input के बाद MHA ने आधिकारिक पत्र के ज़रिए मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP), राज्य के मुख्य सचिव और दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर (सिक्योरिटी) को अलर्ट जारी किया।
पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री की सुरक्षा व्यवस्था की तत्काल समीक्षा कर उसे “और सशक्त व foolproof” बनाया जाए, ताकि किसी भी संभावित हमले की आशंका को नाकाम किया जा सके।
सूत्रों के मुताबिक यह इनपुट व्यापक आतंकी–गैंगस्टर–ISI प्रॉक्सी नेटवर्क की निगरानी के दौरान सामने आया, जिसमें दिल्ली और मध्य प्रदेश में सक्रिय मॉड्यूल्स पर एजेंसियाँ पहले से ही नज़र रखे हुए हैं।
Z+ सुरक्षा के बावजूद क्यों बढ़ाई गई सिक्योरिटी?
शिवराज सिंह चौहान पहले से ही Z+ कैटेगरी की सुरक्षा प्राप्त केंद्रीय मंत्री हैं, जिसमें NSG/पैरामिलिट्री कमांडो, बुलेटप्रूफ वाहन और मल्टी–लेयर सिक्योरिटी कवर शामिल रहता है।
नए इनपुट के बाद भोपाल में 74 बंगला क्षेत्र स्थित उनके सरकारी आवास और दिल्ली स्थित मंत्री आवास दोनों जगह सुरक्षा रिंग की परतें बढ़ाई गई हैं, बैरिकेडिंग और नाकों की संख्या में इज़ाफा किया गया है और स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है।
उनके पब्लिक प्रोग्राम, राज्यों के दौरे और हवाई-अड्डा/सड़क मार्ग से आने–जाने के रूट की advance security liaison (ASL) मीटिंग्स और ज्यादा सख्ती से की जा रही हैं।
गृह मंत्रालय ने राज्य और दिल्ली पुलिस दोनों से कहा है कि वे minister–specific threat perception की लगातार समीक्षा करते रहें और ज़रूरत पड़ने पर अतिरिक्त बल या टेक्निकल सर्विलांस लगाने में देरी न करें।
जांच क्या कहती है और आगे की प्रक्रिया
फिलहाल यह मामला जांच के अधीन है और एजेंसियाँ यह पता लगा रही हैं कि ISI से जुड़े कौन–कौन से हैंडलर या मॉड्यूल इस साज़िश में शामिल हो सकते हैं।
दिल्ली और मध्य प्रदेश पुलिस, केंद्रीय इंटेलिजेंस एजेंसियों के साथ मिलकर सोशल मीडिया, फोन कॉल्स, फंडिंग चैनल और संदिग्ध मूवमेंट की डिजिटल व फिजिकल ट्रेल खंगाल रही हैं।
जांच पूरी होने तक इनपुट की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने सार्वजनिक तौर पर ज्यादा डिटेल साझा नहीं की है, लेकिन आधिकारिक स्तर पर इसे “उच्च प्राथमिकता वाली सुरक्षा चिंता” की श्रेणी में रखा गया है।

