बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े हिजाब विवाद ने अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ लिया है। 15 दिसंबर को पटना में आयोजित AYUSH डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दौरान एक वायरल वीडियो में नीतीश कुमार को एक मुस्लिम महिला डॉक्टर नुसरत परवीन का हिजाब हटाते देखा गया। वीडियो में दिखा कि कुमार ने महिला के सिर पर निशान करते हुए हिजाब खींच लिया, जिससे वह असहज नजर आईं। मंच पर उपस्थित उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने हल्का हस्तक्षेप करने की कोशिश की, जबकि अन्य लोग हंसते नजर आए।
पाकिस्तान ने इस घटना पर आधिकारिक तौर पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि एक वरिष्ठ राजनीतिक नेता द्वारा सार्वजनिक मंच पर मुस्लिम महिला का हिजाब जबरन हटाना और उसका मजाक उड़ाना बेहद चिंताजनक है। उन्होंने इसे भारत में मुस्लिम महिलाओं के अपमान को सामान्य बनाने की कोशिश बताया और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया। पाकिस्तान ने भारत सरकार से अपील की कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे, जांच कराए और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए।
संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग
पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसे शर्मनाक बताया। उन्होंने लिखा कि महिलाओं और धार्मिक मान्यताओं के प्रति सम्मान हर समाज का मौलिक सिद्धांत होना चाहिए। इसके अलावा, पाकिस्तान ह्यूमन राइट्स काउंसिल ने कुमार की कार्रवाई को “निंदनीय” कहा और संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने भारत से प्रभावित महिला को औपचारिक माफी और कानूनी कार्रवाई की अपेक्षा जताई।
भारत में विपक्षी दलों ने भी नीतीश पर हमला बोला। कांग्रेस और सपा नेताओं ने इसे असंवेदनशील बताया, जबकि बीजेपी ने बचाव किया। बीजेपी नेता हरिभूषण ठाकुर ने कहा कि हिजाब हटाना सही था और सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंध लगना चाहिए। पाकिस्तानी गैंगस्टर शहजाद भट्टी ने भी वीडियो जारी कर माफी की मांग की और धमकी दी।
नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर कार्यक्रम की तस्वीरें शेयर कीं, लेकिन विवादित महिला की फोटो शामिल नहीं। यह घटना धार्मिक संवेदनशीलता और सार्वजनिक व्यवहार पर बहस छेड़ रही है।
