रूस से भारत आने वाली शराब का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। रशियन कृषि मंत्रालय के एग्रोएक्सपोर्ट सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, 2025 के पहले 10 महीनों (जनवरी-अक्टूबर) में रूस ने भारत को करीब 520 टन शराब निर्यात की, जिसमें वोदका, जिन, व्हिस्की और लिकर शामिल हैं। यह निर्यात पिछले साल की समान अवधि से वजन में 3 गुना और मूल्य में 4 गुना अधिक है।
निर्यात आंकड़ों का ब्रेकडाउन
रूस ने भारत को 520 टन शराब भेजी, जिसका कुल मूल्य लगभग 9 लाख डॉलर रहा। इसमें वोदका का हिस्सा सबसे बड़ा था – करीब 7.6 लाख डॉलर मूल्य की। जिन, व्हिस्की और लिकर का बाकी हिस्सा था। पिछले साल की तुलना में वजन 3 गुना (173 टन से बढ़कर 520 टन) और मूल्य 4 गुना ($2.25 लाख से $9 लाख) बढ़ा। भारत रशियन शराब के 14वें सबसे बड़े आयातक देशों में शामिल हो गया, जो वैश्विक निर्यात का 1.3% वजन और 1.4-1.5% मूल्य हिस्सा रखता है।
क्यों बढ़ा भारतीयों का रशियन शराब के प्रति रुझान?
भारतीय उपभोक्ताओं में प्रीमियम इंटरनेशनल स्पिरिट्स की मांग बढ़ रही है। रशियन वोदका की कीमतें प्रतिस्पर्धी हैं और स्वाद भारतीय पसंद से मेल खाता है। लाडोगा जैसी कंपनियां 2022 से भारत में सक्रिय हैं, जिन्होंने ‘शेल्टर 6’ जैसी लोकल मार्केट के लिए विशेष वोदका लॉन्च की। कोविड के बाद ऑनलाइन और ऑफलाइन चैनलों से इंपोर्ट बढ़ा। रूस-भारत संबंधों के मजबूत होने से ट्रेड बढ़ा।
वोदका सबसे लोकप्रिय, अन्य स्पिरिट्स का ट्रेंड
वोडका निर्यात का इंजन रहा, जो कुल मूल्य का 84% था। जिन और व्हिस्की का हिस्सा बढ़ रहा है। रूस के प्रमुख निर्यातक देशों में कजाकिस्तान, जॉर्जिया, चीन, अजरबैजान, आर्मेनिया और बेलारूस हैं, लेकिन भारत की ग्रोथ रेट सबसे तेज (4 गुना) रही। Agroexport के अनुसार, भारत उभरता बाजार है।
भारतीय बाजार पर प्रभाव
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा शराब बाजार है। रशियन स्पिरिट्स का आगमन लोकल ब्रांड्स के लिए चुनौती है, लेकिन उपभोक्ताओं को विविधता मिल रही है। 2025 में इंपोर्ट ड्यूटी और रेगुलेशंस स्थिर रहने से आगे बढ़ोतरी संभावित। विशेषज्ञों का मानना है कि 2026 में भारत रूस के टॉप-10 आयातकों में शामिल हो सकता है।
भविष्य की संभावनाएं
रूस अब भारत के लिए विशेष उत्पाद लॉन्च कर रहा है। Agroexport ने प्रमोशनल कैंपेन शुरू किए। भारतीय डिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना है कि रशियन ब्रांड्स की कीमत-गुणवत्ता अनुपात आकर्षक है। वैश्विक ट्रेंड में प्रीमियम इंपोर्टेड स्पिरिट्स 15% सालाना बढ़ रहे हैं।
यह आंकड़े रूस-भारत व्यापार संबंधों को मजबूत करते हैं।
