गिग वर्कर्स हड़ताल के सूत्रधार शेख सलाउद्दीन: उबर ड्राइवर से IFAT महासचिव तक

शेख सलाउद्दीन कौन हैं? उबर ड्राइवर से गिग हड़ताल के सूत्रधार, TGPWU-IFAT प्रमुख। 40,000+ वर्कर्स की कमान, मांगें और सफर। Swiggy-Zomato हड़ताल का चेहरा।

शेख सलाउद्दीन, जिन्हें शाइक सलाउद्दीन भी कहा जाता है, गिग इकोनॉमी के सबसे मुखर श्रमिक नेता हैं। वे तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) के फाउंडर प्रेसिडेंट और इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (IFAT) के नेशनल जनरल सेक्रेटरी हैं। 25 और 31 दिसंबर 2025 की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की कमान इन्होंने संभाली, जिसमें 40,000+ डिलीवरी बॉय शामिल हुए।

शुरुआती जीवन और संघर्ष

तेलंगाना के हैदराबाद से ताल्लुक रखने वाले सलाउद्दीन ने 2014 में सरकारी वाहन ड्राइवरों के लिए तेलंगाना फोर व्हीलर ड्राइवर्स एसोसिएशन शुरू की। उबर, ओला जैसे ऐप्स के आने के बाद उन्होंने 2016 में टैक्सी ड्राइवर्स जॉइंट एक्शन कमिटी बनाई। खुद उबर ड्राइवर रहते हुए उन्होंने प्लेटफॉर्म्स की मनमानी (कम पेमेंट, ID ब्लॉकिंग) का सामना किया।

यूनियनों का सफर: TGFWDA से IFAT तक

कोविड और हड़तालों का नेतृत्व

कोविड-19 में सलाउद्दीन ने PPE, खाना वितरण और फंड जुटाकर 35,000 वर्कर्स की मदद की। 2025 की हड़तालों में उन्होंने 10 मिनट डिलीवरी बैन, न्यूनतम ₹40,000 मासिक आय, PF-ESIC, ID ब्लॉकिंग रोक की मांग उठाई। 25 दिसंबर को 40,000 वर्कर्स ने फ्लैश स्ट्राइक की, जिससे 50-60% डिलीवरी प्रभावित।

मुख्य मांगें और प्लान

सलाउद्दीन की 5 प्रमुख मांगें:

कंपनियों और सरकार पर दबाव

Swiggy-Zomato ने इंसेंटिव बढ़ाए, लेकिन सलाउद्दीन ने कहा, “ट्रेलर था, 31 दिसंबर असली तस्वीर।” नीति आयोग रिपोर्ट के अनुसार, 2029-30 तक 2.35 करोड़ गिग वर्कर्स होंगे। वे ट्राइपार्टाइट टॉक्स (सरकार-कंपनी-यूनियन) और सुप्रीम कोर्ट जाने को तैयार।

सलाउद्दीन ने गिग इकोनॉमी को “टेक-सेवी यूनियन मॉडल” से मजबूत किया। उनकी लड़ाई श्रमिक अधिकारों की हो रही है।

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