नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव में इसबार भोजपुरिया अभिनेता-अभिनेत्रियों को गजब का रौला है। पहली बार भोजपुरिया फिल्म इंड्रस्ट्री लाव-लश्कर के साथ एनडीए-महागठबंधन के पक्ष में उतर चुकी है। अपने-अपने गठबंधन के उम्मीदवारों की जीत पक्की करने के लिए जुबान से ताबड़तोड़ फायरिंग कर रही है। राजनीतिक दलों के नेता भी भोजपुरिया फिल्मी हस्तियों के साथ जीत के सपने बुन रहे हैं तो कुछ अभिनेता ऐसे भी हैं, जो सियासी मैदान पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं खेसारी लाल यादव, जो आरजेडी के टिकट पर छपरा सीट से विधायकी का चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे मे ंतेजस्वी यादव के खेसारी लाल की रडार पर जहां बीजेपी-जेडीयू के नेता हैं, तो वहीं वह बीजेपी सांसदं रवि किशन, मनोज तिवारी और पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ पर तीखे हमले कर रहे हैं। जिस पर यानि दिनेश लाल यादव निरहुआ ने खेसारी लाल पर हल्लाबोल दिया है। निरहुआ ने खेसारी लाल को यदमुल्ला और कुंए का मेढ़क बता तहलका मचा दिया है।
कहा जाता है राजनीति में कोई सगा नहीं। राजनीति कब क्या करवा दे, इसके बारे में खुद राजनेताओं तक को पता नहीं होता। कुछ ऐसा ही बिहार चुनाव में देखने को मिल रहा है। यहां पहली बार भोजपुरी एक्टर्स के शुरू हुई तीखी झड़प अब एक विस्फोटक रूप ले चुकी है। सुपरस्टार रवि किशन और खेसारी लाल यादव के बीच जुबानी जंग इस कदर बढ़ गई है कि मामला धमकी और व्यक्तिगत हमलों तक पहुंच गया है। इसी भयंकर तकरार में अब एक और बड़ा नाम कूद पड़ा है। वह नाम है उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद और भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ का। जिन्होंने आरजेडी के टिकट पर बिहार चुनाव में उतरे खेसारी लाल यादव पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें यादव नहीं, यदमुल्ला कह डाला है। यह बयान भोजपुरी राजनीति में भूचाल लाने वाला माना जा रहा है। निरहुआ ने डंके की चोट पर कहा ,खेसारी लाल खुद को यादव कहते हैं। खुद को भगवान श्रीकृष्ण का वंशज बताते हैं। लेकिन वह भागवान श्रीराम और श्रीकृष्ण को काल्पनिक बता रहे हैं, जो सनातन का अपमान है।
अब हम आपको बताते हैं कि बिहार चुनाव में भोजपुरी फिल्म इंड्रस्ट्री के चार दिग्गज मनोज तिवारी, रवि किशन, दिनेश लाल यादव निरहुआ और खेसारी लाल यादव क्यों आपस में भिड़ गए। तो इस विवाद की जड़ में खेसारी लाल यादव के हालिया बयान हैं, जिनमें उन्होंने बीजेपी के सांसदों रवि किशन, मनोज तिवारी और पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ पर तीखा वार किया था। खेसारी ने आरोप लगाया था कि ये तीनों नेता सांसद बनने के बावजूद जनता के लिए कोई ठोस काम नहीं कर पाए। खेसारी लाल यादव ने सीधे तौर पर मनोज तिवारी, रवि किशन और निरहुआ तीनों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर ये तीनों सांसद होकर जनता के लिए कुछ नहीं कर सके, तो लोगों को अब यह नहीं पूछना चाहिए कि वह विधायक बनकर क्या करेंगे। खेसारी ने जोर दिया था कि वह लोगों के बीच से आए हैं और अब भोजपुरी कलाकारों को केवल मनोरंजन तक सीमित न रहकर वास्तविक मुद्दों पर काम करना होगा। खेसारी ने कहा इन नेताओं ने भोजपुरी कलाकारों के उत्थान या क्षेत्र के विकास के लिए कोई ठोस पहल नहीं की।
इसी बयान के बाद दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने खेसारी लाल पर हल्लाबोल दिया। दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने कहा, खेसारी लाल यादव ने बोला है कि वह कृष्ण के वंशज हैं। लेकिन, कृष्ण के वंश में पैदा होकर अगर कोई राम मंदिर का विरोध करता है, तो मेरे हिसाब से वह यादव है ही नहीं। वह यदमुल्ला है। राम मंदिर के विरोध में बात करने वाला यादव हो ही नहीं सकता। निरहुआ नेकहा जब खेसारी लाल यादव यह कह रहे हैं कि मनोज तिवारी, रवि किशन और निरहुआ ने कुछ नहीं किया, तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब ये लोग सांसद होकर कुछ नहीं कर पाए, तो आप विधायक बनकर क्या कर लेंगे। उन्होंने अपने और अन्य बीजेपी नेताओं के काम की ईमानदारी का जिक्र करते हुए खेसारी को कुएं का मेंढक तक कह डाला, जिसे बाहर की दुनिया की जानकारी नहीं है।
निरहुआ ने बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की फिल्म का मशहूर डायलॉग इस्तेमाल करते हुए चेतावनी दी, बाप को मत सिखाइए बेटा कैसे पैदा किया जाता है। उनका सीधा इशारा था कि भोजपुरी इंडस्ट्री और राजनीति में उनका सफर खेसारी से काफी लंबा है और उन्हें अनुभव का पाठ पढ़ाने की जरूरत नहीं है। निरहुआ ने सांसद रवि किशन को मिली जान से मारने की धमकी पर भी गरजे। निरहुआ ने कहा कि यूपी में महाराज जी की सरकार है। किसी को गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए। किसी ने सपने भी ऐसा करने का सोचा तो महाराज जी उसे मिट्टी में मिलाने में जरा भी देर नहीं करेंगे। ऐसे में हमारी सलाह है हद में रहेंगे तो फाएदे में रहेंगे।इनसब के खेसारी लाल यादव के बयान और निरहुआ के विस्फोटक जवाब ने न सिर्फ भोजपुरी राजनीति में हलचल मचा दी है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी दोनों कलाकारों के समर्थकों के बीच तीखी तकरार छिड़ गई है।










