मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस आयोजन को आस्था और सनातन परंपरा से जुड़ा एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण बताया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे इस भव्य दीपोत्सव में शामिल होकर “प्रकाश और परंपरा के इस मिलन” के क्षण को महसूस करें। सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “आज शाम 6 बजे से कर्तव्य पथ पर 1 लाख 51 हजार दीपों की श्रृंखला के साथ दिल्ली अपना पहला दिव्य दीपोत्सव मना रही है। यह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि हमारे हिंदू पर्वों की सांस्कृतिक चेतना का जागरण, आस्था और आत्मगौरव के पुनर्जागरण का प्रतीक है। आइए, इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनें।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जब अयोध्या में प्रभु श्रीराम अपने वनवास से लौटे थे, तब पूरी धरती दीपों से आलोकित हो उठी थी। और जब रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए, तो भारत ने अपनी आत्मा को फिर से पहचान लिया। उसी आध्यात्मिक ऊर्जा और राममय वातावरण को अब दिल्ली के कर्तव्य पथ पर पुनः साकार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने क्या कहा ?
रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की दिवाली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि यह देश की राजधानी की पहचान और भावनाओं का उत्सव है। इसे न सिर्फ मनाया जाना चाहिए, बल्कि दिल से महसूस भी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब एक सनातनी सरकार सत्ता में होती है, तो उसके उत्सवों में भव्यता और आध्यात्मिकता का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है। आज दिल्ली के लोग—चाहे बच्चे हों, युवा हों या बुजुर्ग—सभी खुशी से झूम रहे हैं।
https://twitter.com/gupta_rekha/status/1979422628030091701
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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार ने GST क्रेडिट में राहत, पटाखों के परमिट, छठ घाटों की तैयारी, और युवाओं के लिए इवेंट मैनेजमेंट के अवसर जैसे कई कदम उठाए हैं, ताकि राजधानी फिर से अपने त्योहारों की रौनक महसूस कर सके। उन्होंने कहा, “दिल्ली अब अपने त्योहारों को खुलकर मनाएगी, अपनी खुशियों को पूरे उत्साह से व्यक्त करेगी। जब कर्तव्य पथ पर लाखों दीप एक साथ जलेंगे, तब दिल्ली भव्यता और दिव्यता की साक्षी बनेगी। यही प्रकाश आने वाले समय में न केवल दिल्ली, बल्कि पूरे देश को आलोकित करेगा।”