Diwali Travel Rush:जैसे-जैसे दिवाली और छठ पूजा करीब आ रही हैं, अपने घर जाने की तैयारी करने वाले यात्रियों के लिए सफर महंगा होता जा रहा है। ट्रेन का कन्फर्म टिकट मिलना लगभग असंभव हो गया है, वहीं बसों के किराए आसमान छू रहे हैं। बस ऑपरेटरों ने त्योहारों के मौके पर किराए में डेढ़ से दो गुना तक बढ़ोतरी कर दी है। इस अप्रत्याशित वृद्धि से यात्रियों की जेब पर भारी बोझ पड़ रहा है।
कश्मीरी गेट बस अड्डे पर अफरा-तफरी
दिल्ली के महाराणा प्रताप इंटर-स्टेट बस टर्मिनल (ISBT) पर यात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। यहां से पटना, लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, वाराणसी और उत्तराखंड जाने वाले रूटों पर टिकटों के दाम 500-700 रुपये से बढ़कर अब 2,500 से 3,000 रुपये तक पहुंच गए हैं।
निजी बस संचालकों के मुताबिक, जैसे-जैसे छठ पूजा नजदीक आएगी, एसी स्लीपर बसों का किराया 3,000 से 7,000 रुपये तक जा सकता है।
रेलवे की तैयारी नाकाफी
रेलवे ने भीड़ को संभालने के लिए कुछ स्पेशल ट्रेनें जरूर चलाई हैं, लेकिन सीटों की भारी मांग के सामने यह प्रयास नाकाफी साबित हो रहा है। जिन ट्रेनों में टिकट बुकिंग खुली है, उनमें 200 से 300 टिकट प्रतीक्षा सूची में हैं। ऐसे में घर लौटने की इच्छा रखने वाले यात्रियों के पास बस ही एकमात्र विकल्प बचा है।
बस स्टैंड तक पहुंचना भी मुश्किल
त्योहारों के दौरान सिर्फ टिकट मिलना ही नहीं, बल्कि बस अड्डे तक पहुंचना भी चुनौती बन गया है। शाम 4:30 से 7:30 बजे तक कश्मीरी गेट से दिल्ली गेट के बीच भयंकर जाम लग रहा है। पहले जो सफर 10-15 मिनट में पूरा हो जाता था, अब वही रास्ता तय करने में एक से डेढ़ घंटा लग रहा है।
लंबी कतारें और यात्रियों की परेशानी
महाराणा प्रताप बस अड्डे पर टिकट खिड़कियों पर लंबी कतारें लगी हैं। कई यात्री सुबह से लेकर रात तक बसों का इंतजार करते हैं। यात्री प्रदीप कुमार बताते हैं, “बिहार जाने के लिए ट्रेन का टिकट नहीं मिला, इसलिए बस स्टेशन आया हूं। लेकिन निजी बस संचालक डेढ़ से दो गुना किराया वसूल रहे हैं। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।”
सीट पाने की होड़
शाम होते ही बस स्टैंड पर अफरा-तफरी मच जाती है। जैसे ही दिल्ली से बाहर जाने वाली बसें आती हैं, यात्री सामान लेकर सीट पाने के लिए दौड़ पड़ते हैं। कई बार दोगुना किराया देने के बावजूद सीट नहीं मिल पाती।
एक अन्य यात्री, गिरधारी शर्मा कहते हैं, “त्योहारों में घर जाना जरूरी होता है, लेकिन टिकट और सीट दोनों मिलना अब किस्मत की बात है।”
बस ऑपरेटरों का पक्ष
बस संचालकों का कहना है कि त्योहारों के समय यात्रियों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे में कुछ दिनों के लिए किराए में बढ़ोतरी करना व्यावहारिक कदम है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।