
त्वचा विशेषज्ञों की सलाह है कि Skincare उत्पाद खरीदते समय हमेशा लेबल पढ़ें और हानिकारक Chemicals से बचें। नए उत्पाद को चेहरे पर लगाने से पहले पैच‑टेस्ट करना जरूरी है। इसके अलावा, सादे और न्यूनतम घटक वाले प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें ताकि त्वचा को दीर्घकालीन सुरक्षा मिल सके। विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि Sensitive त्वचा वाले लोग इन हानिकारक उत्पादों से पूरी तरह बचें और प्राकृतिक या हल्के विकल्प अपनाएँ। यह चेतावनी खासकर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो त्वचा की देखभाल में सिर्फ चमक या सुंदरता पर ध्यान देते हैं, लेकिन हानिकारक रसायनों के दीर्घकालीन प्रभाव को नजरअंदाज कर देते हैं। स्किन एक्सपर्ट्स के अनुसार, सुरक्षित और सावधानीपूर्वक चयनित उत्पाद ही स्वस्थ त्वचा की कुंजी हैं।
स्किनकेयर प्रोडक्ट्स अक्सर साफ, मुलायम और जवां त्वचा का वादा करते हैं, लेकिन कई बार ये उल्टा असर कर सकते हैं। भारत में प्रदूषण, नमी और लंबे काम के घंटे के बीच लोग ऐसे प्रोडक्ट्स चुनते हैं जो जल्दी असर दिखाएँ। वाइप्स, स्क्रब्स और “व्हाइटनिंग” क्रीम्स जैसी चीज़ें त्वचा की प्राकृतिक परत को नुकसान पहुँचाती हैं और एलर्जी या जलन पैदा कर सकती हैं।
मेकअप रिमूविंग वाइप्स त्वचा को साफ करने की बजाय गंदगी को फैला देती हैं और बार-बार रगड़ने से जलन बढ़ती है। खुशबूदार वेट वाइप्स में मिथाइलआइसोथियाज़ोलिनोन (MI) नामक प्रिज़र्वेटिव होता है, जो एलर्जी का कारण बन सकता है। बेहतर विकल्प है बिना खुशबू वाले वाइप्स या रुई के पैड और हल्का क्लींजर।एंटीबैक्टीरियल साबुन या ट्राइक्लोसान क्लेंज़र की ज़रूरत सामान्य स्थिति में नहीं होती। ट्राइक्लोसान हार्मोनल असंतुलन और बैक्टीरिया प्रतिरोध से जुड़ा है। कड़े फिजिकल स्क्रब्स त्वचा में माइक्रोटियर्स यानी सूक्ष्म चोटें कर देते हैं, जिससे लालिमा और मुहांसे बढ़ सकते हैं। इनकी जगह हल्के AHA/BHA एक्सफ़ोलिएंट या सॉफ्ट ब्रश का इस्तेमाल करें।
“नेचुरल” प्रोडक्ट्स में मौजूद एसेंशियल ऑयल्स जैसे लैवेंडर, टी ट्री एलर्जी और जलन पैदा कर सकते हैं। हमेशा फ्रेगरेंस-फ्री या हाइपोएलर्जेनिक विकल्प चुनें और पैच टेस्ट करें। सोशल मीडिया पर बिकने वाले “मिरेकल” क्रीम्स और सीरम्स से सावधान रहें—इनमें छिपे स्टेरॉयड, मर्करी या हाइड्रोक्विनोन लंबे समय तक त्वचा को नुकसान पहुँचा सकते हैं।