Dollar vs Rupee: किसी भी देश की करेंसी देश की आर्थिक स्थिति को बयां करती है. पिछले कुछ महीनों से भारतीय मुद्रा रुपये के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती बढ़ती जा रही है. सोमवार की सुबह शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले अब के सबसे कम स्तर 78 के भी नीचे चला गया.
जहां एक जनवरी 2022 को रुपये की कीमत 75.43 रुपये थी, वहीं अब 29 अगस्त 2022 को रुपये की कीमत 80.10 रुपये हो गई थी, जिससे रुपये की इतनी ज़्यादा गिरावट से भारत की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ेगा. इस सबके बीच भारतीय रुपये की हालत बेहद खराब होती देखी जा रही है.
डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 78.28 रुपये पर आ गया है. रुपये की स्थिति स्थिर होते देख राहत तो मिली, लेकिन रुपया अभी भी 78 रुपये के निचले स्तर पर बना हुआ है. पहले रुपये की कीमत 78.04 रुपये प्रति डॉलर थी, जो मंगलवार को 78.03 रुपये पर बंद हुई थी.
इस बीच, अर्थशास्त्रियों की माने तो अमेरिकी फेडरल बैंक द्वारा व्यापार घाटा बढ़ने और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण आने वाले दिनों में रुपये में और गिरावट आ सकती है. हालांकि फेडरल बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी है.
लिहाजा इसका अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व 26-27 जुलाई की बैठक में ब्याज दरों में 0.50-0.75 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है. कच्चे तेल की ऊंचे रेट्स के चलते अब रुपये की कीमत में और गिरावट देखने को मिल सकती है.
इसे भी पढ़ें – डीए में बढ़ोतरी के साथ, केंद्र सरकार ने प्रमोशन नीति में किये ये अहम बदलाव