‘BJP को फायदा पहुंचाओ, बच जाओ’: Rohini Ghavri ने PM-HM पर साधा निशाना, चंद्रशेखर आजाद के ‘बुरे दिन’ शुरू होने का ऐलान

पीएचडी स्कॉलर रोहिणी घावरी ने चंद्रशेखर आजाद पर लगाए गंभीर आरोपों के बीच अब सीधे पीएम मोदी और अमित शाह को निशाना बनाया है। उन्होंने मुकदमा दर्ज न होने पर कहा कि BJP को फायदा पहुंचाने वाले अपराधी नेता पर कार्रवाई नहीं होती।

Rohini Ghavri News: भीम आर्मी चीफ और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद पर लगातार आरोपों की बौछार कर रहीं पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने अब सीधे तौर पर देश के सर्वोच्च नेतृत्व, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को कठघरे में खड़ा कर दिया है। रोहिणी घावरी का यह आक्रोश सिर्फ चंद्रशेखर आजाद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज न होने देने को लेकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की कार्यप्रणाली पर ही गंभीर सवाल उठा दिए हैं।

स्विट्जरलैंड में रह रही डॉ. घावरी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक विस्फोटक पोस्ट करते हुए कटाक्ष किया कि “कोई भी अपराधी नेता BJP को फायदा पहुंचाएगा तो उसपर मुकदमा नहीं होगा।” उन्होंने कहा कि यह बात सिर्फ सुनी थी, लेकिन अब वह इसे अपनी आँखों से देख रही हैं। एक दलित बेटी होने के बावजूद पाँच महीने से FIR दर्ज न करा पाने की पीड़ा को रोहिणी ने मोदी-शाह को टैग करते हुए देश की कानून व्यवस्था की विफलता करार दिया है।

इंदौर की मूल निवासी Rohini Ghavri ने लगातार दूसरे पोस्ट में चंद्रशेखर आजाद पर व्यक्तिगत हमला जारी रखा। उनका कहना है कि इस व्यक्ति ने उनके “व्यक्तिगत जीवन का सुख शांति छीनी है।” रोहिणी का दावा है कि वह अब चंद्रशेखर आजाद का “राजनीतिक और सामाजिक सम्मान नहीं बचने देंगी।” उन्होंने नाटकीय अंदाज़ में भविष्यवाणी की कि “1 साल बाद इसको कोई नहीं पूछेगा, देख लेना। इसके बुरे दिन शुरू हो चुके है।” घावरी ने चेतावनी देते हुए कहा कि “औरत की बद्दुआ ने अच्छे-अच्छे साम्राज्य खत्म कर दिए फिर इसकी औकात ही क्या है।”

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Rohini Ghavri ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के नारे की प्रासंगिकता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब बेटियों का सम्मान नहीं बचा सकते तो यह नारा किसलिए दिया गया था? उन्होंने भावनात्मक पोस्ट में लिखा, “एक लड़की से उसका सम्मान छीन लिया जाए तो उसके पास जीने के लिए क्या ही बचा।” उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अब अपने साथ हुए विश्वासघात के लिए लड़ेंगी, “चाहे किसी का कितना ही नुकसान क्यों ना हो।”

सहारनपुर से शुरू हुआ यह विवाद अब राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक तूफान बनता जा रहा है। रोहिणी घावरी के लगातार और तीखे आरोप न सिर्फ भीम आर्मी चीफ की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि FIR दर्ज न होने देने के कारण सीधे तौर पर देश की कानून व्यवस्था और सत्तारूढ़ दल की मंशा पर भी प्रश्नचिह्न लगा रहे हैं।

 

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