Dussehra 2022: इस साल दशहरा का त्योहार 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा, ऐसी मान्यता है कि, इस दिन पक्षी को देखने भाग्य के ताले खुल जाते हैं. जिसका नाम नीलकंठ (Neelkanth) और अंग्रेजी में इसे इंडियन रोलर बर्ड (Indian roller) के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि दशहरे (Dussehra 2022) के दिन इस पक्षी को देखने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और सुख-समृद्धि आती है.
जानिए क्या है इसका महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब श्री राम, लंका के राजा रावण का वध करने जा रहे थे तो उन्हें यह नीलकंठ पक्षी दिखा था, जिसके बाद भगवन श्री राम के द्वारा रावण का वध कर उनकी जीत हुई थी और इस दिन को हम सब दशहरा (Dussehra 2022) के त्योहार के रुप में मनाते हैं.
भगवान शिव तक पहुँचती है प्रार्थना
इसके साथ ही ये भी मान्यता है कि दि यदि कोई व्यक्ति नीलकंठ को देखने के बाद कोई भी इच्छा मांगता हैं. तो वह पक्षी उसकी इच्छा को नीलकंठ भगवान शिव के कैलाश पर्वत पर ले जाएगा और भगवान उसकी इच्छा पूरी कर देंगे.
मान्यताओं के बीच पक्षीयों के साथ हो रहा गलत
इन मान्यताओं के कारण इन पक्षियों के साथ बहुत कुछ गलत हो जाता है, पक्षी पकड़ने वाले त्योहार से लगभग एक महीने पहले इन नीलकंठी पक्षियों को फंसाना शुरू कर देते हैं. इतना ही नहीं, इन पक्षियों को पिंजरों में बंद कर दिया जाता है, उनके पैर बंधे दिए जाते हैं, उनके पंखों को काट दिया जाता है और चिपका दिया जाता है, जिसे वे उड़ न सकें.
एक महीने पहले से पक्षियों को पिंजरे कर देते बंद
दरअसल मान्यताओं के चलते कई लोग दशहरे के दिन पक्षियों को पकड़ना पसंद करते हैं. बहुत से लोग इन पक्षियों को खरीद कर मन्नत मांगकर मुक्त कर देते हैं, लेकिन फिर भी वे मर जाते हैं क्योंकि वे कई बार भूखे रहते हैं और नीलकंठ पक्षी कैद में रहने वाले पक्षी नहीं हैं.
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