नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया–राहुल को ED का नोटिस, 2012 में लगा भ्रष्टाचार का आरोप

नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल को ED का समन भेजा गया है। जिस पर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की ‘तानाशाह सरकार डर गई है, इसलिए बदले की कार्रवाई की जा रही है, सरकार बदले की भावना में अंधी हो गई है’

ED ने नेशनल हेराल्ड केस की जांच में कांग्रेस के दोनों नेताओं को शामिल होने को कहा है। इस केस में ED ने कांग्रेस के 2 बड़े नेता पवन बंसल और मल्लिकार्जुन खड़गे को बीते 12 अप्रैल को जांच में शामिल किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन भेजा है। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस (अंडर सेक्शन 50 एक्ट) में राहुल को 2 जून यानी आज और सोनिया को 8 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है। सूत्रों के मुताबिक राहुल ने बाहर होने का हवाला देकर इसके लिए वक्त मांगा है, जबकि सोनिया 8 जून को पूछताछ में शामिल होंगी।

सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने पार्टी फंड से राहुल और सोनिया को 90 करोड़ रुपए दिए थे। इसका मकदस एसोसिएट जर्नल्स की 2 हजार करोड़ की संपत्ति हासिल करना था। इसके लिए गांधी परिवार ने महज 50 लाख रुपए की मामूली रकम दी थी।

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मनगढ़ंत आरोप है और प्रतिशोध की भावना है। इस केस में ED को कुछ नहीं मिलेगा। राहुल गांधी बाहर हैं, उनके लिए समय मांगेंगे। सिंघवी ने बताया की…

  1. यह केस पिछले 7-8 सालों से चल रहा है और इसमें अब तक एजेंसी को कुछ नहीं मिला है।
  2. कंपनी को मजबूत करने के लिए और ऋण खत्म करने की वजह से इक्विटी में परिवर्तन किया गया।
  3. इस इक्विटी से जो पैसा आया, वो मजदूरों को दिया गया और इसे पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया।
  4. 7 साल बाद लोगों का ध्यान मोड़ने के लिए यह समन भेजा गया है। देश की जनता सब कुछ समझती है।
  5. ED, CBI और इनकम टैक्स का दुरुपयोग कर विपक्षी पार्टियों को डराया जा रहा है।

पढ़े पूरा मामला

1938 में कांग्रेस पार्टी ने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) बनाई थी। इसी के तहत नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला जाता था। AJL पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज था और इसी को खत्म करने के लिए एक और कंपनी बनाई गई। जिसका नाम था यंग इंडिया लिमिटेड। इसमें राहुल और सोनिया की हिस्सेदारी 38-38% थी। यंग इंडिया को AJL के 9 करोड़ शेयर दिए गए। कहा गया कि इसके एवज में यंग इंडिया AJL की देनदारियां चुकाएगी, लेकिन शेयर की हिस्सेदारी ज्यादा होने की वजह से यंग इंडिया को मालिकाना हक मिला। AJL की देनदारियां चुकाने के लिए कांग्रेस ने जो 90 करोड़ का लोन दिया था, वह भी बाद में माफ कर दिया गया।

पूरे मामले में अब तक क्या हुआ

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