ED Seizes Assets Linked to Anil Ambani: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिजनेसमैन अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों से जुड़ी करीब 3,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है। यह कदम उन पर लगे कर्ज धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के तहत उठाया गया है। मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बिना नाम बताए बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत संपत्तियों की कुर्की की जा रही है और जल्द ही इस पर विस्तृत बयान जारी किया जाएगा।
रिलायंस ग्रुप से इस विषय पर प्रतिक्रिया मांगी, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं मिला है। हालांकि, रिलायंस ग्रुप पहले ही सभी आरोपों को गलत बताते हुए इनकार कर चुका है। 1 अक्टूबर को कंपनी ने एचटी को ईमेल में कहा था,
“17,000 करोड़ रुपये की बताई जा रही राशि और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का इससे जुड़ाव पूरी तरह काल्पनिक है। इसमें न कोई सच्चाई है और न ही कोई आधार। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर अपने बिजनेस प्लान पर काम कर रहा है और कंपनी किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था के कर्ज में नहीं है। जून 2025 तक कंपनी का नेट वर्थ 14,883 करोड़ रुपये है।”
17,000 करोड़ रुपये की वित्तीय गड़बड़ी की जांच जारी
ED अनिल अंबानी की कई समूह कंपनियों द्वारा कथित रूप से की गई 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितताओं की जांच कर रही है। इस जांच में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल है। इसी मामले में ED ने इस साल अगस्त में अनिल अंबानी से पूछताछ भी की थी।
इसके अलावा, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भी इस मामले में सक्रिय है और कंपनी व अनिल अंबानी की भूमिका की जांच कर रहा है। यस बैंक, उसके पूर्व सीईओ राणा कपूर के रिश्तेदारों की कंपनियों और रिलायंस ग्रुप के बीच कथित फर्जी लेनदेन को लेकर पहले ही चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।
ED की कड़ी नजर, जल्द हो सकती है और कार्रवाई
जांच एजेंसियों का मानना है कि कई लेनदेन संदिग्ध हैं और बड़े पैमाने पर पैसों की हेराफेरी हुई है। ED ने जिन संपत्तियों को कुर्क किया है, वे जांच पूरी होने तक राज्य के नियंत्रण में रहेंगी। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में इस मामले में और भी कार्रवाई की जा सकती है।
रिलायंस ग्रुप की ओर से अभी कोई नया बयान नहीं आया है, लेकिन कंपनी का दावा है कि उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं और वह कानून का पालन करते हुए अपना काम करती रहेगी।










