होली का त्योहार नजदीक है। वहीं इस साल होली का त्योहार 8 मार्च को मनाया जाएगा। इस त्योहार का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। ये साल का वो समय है जब लोग खूब मस्ती करते हैं। वहीं अबीर-गुलाल, मौज-मस्ती और डांस का उत्साह इस त्योहार पर देखते ही बनती है। क्या बच्चा, क्या बूढ़े हर किसी पर इसका खुमार देखा जाता है। वहीं बच्चे सबसे ज्यादा इस फेस्टिवल का इंतजार करते हैं। होली के दिन वे पिचकारी लेकर घर से निकल जाते हैं और पानी भर-भरकर होली खेलते हैं। इस दौरान जरा सी लापरवाही खतरनाक हो सकती है। इसलिए पैरेंट्स की जिम्मेंदारी बनती है कि मौज-मस्ती के चक्कर में बच्चों का ख्याल रखना न भूलें और सुरक्षित होली मनाएं ।
आइए जानें आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
‘बूरा ना मानो होली है, कहकर किसी को परेशान करने का बहाना न बनाएं‘
कई बार लोग बूरा ना मानो होली है’ कहकर किसी अन्य व्यक्ति को परेशान करने और छेड़छाड़ करने के बहाना ढुंढते हैं। वहीं त्योहार के नाम पर कई लोग दूसरों को गलत तरीके से छूते हैं। इस दौरान महिलाएं अपने आप को असहाय महसूस करती हैं। होली प्यार और खुशी फैलाने का त्योहार है लेकिन जब ऐसी चीजें होती हैं तो त्योहार का मजा काम हो जाता है। लोगों को फिर ये त्योहार पसंद नहीं आता है। इसे मस्ती और खुशियों से भरा दिन बनाने के लिए जरुरत है कि हर कोई सुरक्षित महसूस करें।
गुब्बारों से होली खेलनें से बचें
होली के अवसर पर पिचकारी के साथ बच्चे गुब्बारों में रंग और पानी भरकर एक-दूसरे फेंकते हैं। ऐसे में किसी हादसे का डर बना ही रहता है। बच्चों को चोट भी लग सकती है। इसलिए उन्हें सलाह दें कि गुब्बारों से होली न खेंले और आप खुद भी इस बात का ख्याल रखें।
केमिकल वाले रंग न खरीदें
गुलाल-अबीर और पक्के रंगो से होली मनाई जाती है। आजकल मार्केट में केमिकल युक्त रंग आगए हैं, जो हमारी स्किन और आंखों के लिए मुकसानदायक होते है। इसलिए केमिकल युक्त रंगो के बजाए हर्बल रंगों से ही होली खेलें और बच्चों को भी यहीं सलाह दें। रंग खेलते समय बच्चों को कलफुल और फंकी गॉगल पहनना चाहिए। उन्हें फुल बाजू कपड़े भी पहनाए ताकि ज्यादातर स्किन छकी रहे।
ऑर्गेनिक कलर से रहें सावधान
आप केमिकल वाले कलर की बजाय ऑर्गेनिक कलर से भी होली खेल सकते हैं लेकिन ध्यान रखें कि यह मुंह के अंदर न जाए, क्योंकि ऐसा होने पर यह खतरनाक हो सकता है। इससे फूड पॉइजनिंग और इंफेक्शन का खतरा रहता है।
बच्चों को ज्यादा देर गीला न रहने दें
बच्चे जब पानी और रंगों से होली खेलते हैं तो भीगे कपड़े में कई-कई घंटों तक रहते हैं। चूंकि होली के दौरान न ज्यादा गर्मी रहती है और ना ही ज्यादा ठंड ऐसे में हल्की सर्दी लगती है और तेज धूप भी। ऐसे में गीले कपड़े में रहने से बच्चों की सेहत प्रभावित हो सकती है। इसलिए उन्होंने गीले कपड़ों में न रहने दें और सुरक्षित होली मनाएं।