दिल्ली के MBBS छात्रों को बड़ा झटका! जामिया हमदर्द की सभी सीटें रद्द, आखिर क्या थी वजह 

जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए MBBS और पीजी मेडिकल कोर्स की सभी सीटें रद्द कर दी हैं। यह निर्णय वित्तीय गड़बड़ियों और प्रशासनिक दखलअंदाजी के कारण लिया गया है।

Jamia Hamdard

Jamia Hamdard : दिल्ली में MBBS और PG मेडिकल कोर्स का सपना देखने वाले छात्रों के लिए एक निराशाजनक खबर सामने आई है। जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए अपनी सभी 150 MBBS और 49 PG मेडिकल सीटों को वापस लेने का निर्णय लिया है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब 21 जुलाई से नीट काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।

यह निर्णय ‘हमदर्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च’ (HIMSR) से संबंधित गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और प्रबंधन स्तर पर जारी विवादों के चलते लिया गया है। HIMSR, जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित मेडिकल कॉलेज है, जिसकी स्थापना वर्ष 2012 में की गई थी।

NMC की रिपोर्ट में HIMSR को मिली ‘शून्य सीट’

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) द्वारा जारी अस्थायी सीट मैट्रिक्स में HIMSR के लिए कोई भी सीट उपलब्ध नहीं दर्शाई गई है। यह दर्शाता है कि सत्र 2025-26 में यहां न तो MBBS और न ही PG कोर्स में दाखिला लिया जा सकेगा। 6 जून को जामिया हमदर्द के रजिस्ट्रार ने NMC को पत्र भेजकर सूचित किया कि कुछ निजी हस्तक्षेपों के कारण विश्वविद्यालय HIMSR के ऑनलाइन पोर्टल और प्रवेश प्रणाली पर अपना नियंत्रण खो चुका है। इसी वजह से विवि को इन सीटों की मान्यता से खुद को अलग करना पड़ा।

कॉलेज ने निर्देशों का पालन नहीं किया

जामिया हमदर्द के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद अफशर आलम ने कहा कि उन्होंने HIMSR प्रबंधन को कई बार यूजीसी (UGC) के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए चेताया था, लेकिन कॉलेज ने बार-बार इन निर्देशों की अनदेखी की। कुलपति के अनुसार, विश्वविद्यालय यूजीसी के नियमों का पूरी तरह पालन करता है और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अब न्यायिक प्रक्रिया से सकारात्मक परिणाम की आशा कर रहा है। फिलहाल, HIMSR में किसी भी नए छात्र का दाखिला नहीं हो पाएगा।

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इस पूरे मामले की जड़ में HIMSR और उससे जुड़े HAH सेंटेनरी अस्पताल में हुई वित्तीय अनियमितताएं हैं। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में यह सामने आया है कि वर्ष 2011 से 2023 के बीच लगभग 813 करोड़ रुपये की राशि हमदर्द एजुकेशन सोसाइटी को ट्रांसफर की गई, जो कि UGC के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। CAG ने इसे संसाधनों के दुरुपयोग की संज्ञा दी है, जिससे छात्रों और स्टाफ के हित प्रभावित हुए हैं।

न्यायालय से क्या है उम्मीद ? 

इन सभी घटनाओं के चलते जामिया हमदर्द ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है। दायर याचिका में कहा गया है कि विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट और प्रवेश से जुड़े दस्तावेजों का कुछ बाहरी तत्वों ने दुरुपयोग किया है। अदालत ने केंद्र सरकार के वकील और स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुई सुनवाई में यह निर्देश दिया कि फिलहाल HIMSR की कोई भी मेडिकल सीट NEET काउंसलिंग में शामिल नहीं की जाएगी। यह फैसला छात्रों के लिए गहरी चिंता का विषय है, खासकर उनके लिए जिन्होंने HIMSR को अपनी प्राथमिक पसंद के रूप में चुना था। अब सभी की निगाहें कोर्ट के अगले फैसले पर टिकी हैं।

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