CBSE Scholarship Scheme : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए अपनी केंद्रीय क्षेत्र छात्रवृत्ति योजना (Central Sector Scholarship Scheme – CSSS) के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह योजना उन विद्यार्थियों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से आते हैं और उच्च शिक्षा के माध्यम से अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।
इस योजना के तहत नई छात्रवृत्ति के लिए आवेदन और पूर्व में चयनित विद्यार्थियों के नवीनीकरण दोनों की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 तय की गई है। इच्छुक उम्मीदवार राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल scholarships.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
कितनी मिलेगी आर्थिक सहायता?
इस विशेष योजना के अंतर्गत पात्र विद्यार्थियों को उनके शैक्षणिक प्रोत्साहन हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। पहले तीन वर्षों तक विद्यार्थियों को प्रत्येक माह ₹1,000 की दर से कुल ₹10,000 वार्षिक सहायता दी जाएगी। इसके उपरांत, चौथे और पाँचवें वर्ष में यह राशि बढ़ाकर प्रति माह ₹2,000 कर दी जाती है, जिससे वार्षिक सहायता ₹20,000 तक पहुँच जाती है। इस पूरी वित्तीय सहायता को सीधे लाभार्थी छात्रों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता बनी रहे और उन्हें समय पर सहायता प्राप्त हो सके।
कौन कर सकता है आवेदन?
छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने हेतु निम्नलिखित शर्तों का पूरा होना आवश्यक है:
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12वीं कक्षा में 80% या उससे अधिक अंक प्राप्त होने चाहिए।
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आयु सीमा 18 से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
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परिवार की वार्षिक आय ₹6 लाख से कम होनी चाहिए।
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विद्यार्थी किसी अन्य छात्रवृत्ति योजना का लाभ नहीं ले रहे हों।
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नवीनीकरण के लिए क्या हैं शर्तें ?
पूर्व छात्रवृत्ति प्राप्त छात्रों के लिए नवीनीकरण हेतु आवश्यक शर्तें:
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प्रत्येक वर्ष 60% या उससे अधिक अंक लाना अनिवार्य।
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कम से कम 75% उपस्थिति होनी चाहिए।
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छात्र का व्यवहार अनुशासित और मर्यादित होना चाहिए।
यह छात्रवृत्ति योजना स्नातक (UG) और स्नातकोत्तर (PG) दोनों स्तरों पर पढ़ने वाले छात्रों के लिए लागू है। विद्यार्थी अधिकतम पांच वर्षों तक इस स्कॉलरशिप का लाभ ले सकते हैं। इस छात्रवृत्ति योजना में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कुल छात्रवृत्तियों का 50% हिस्सा विशेष रूप से महिला विद्यार्थियों के लिए आरक्षित किया गया है।
इसके अलावा, विषयों के अनुसार छात्रवृत्तियों का वितरण भी एक निश्चित अनुपात में किया जाएगा, जिसमें विज्ञान, वाणिज्य और मानविकी के छात्रों को क्रमशः 3:2:1 के अनुपात में लाभ दिया जाएगा। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि विभिन्न शैक्षणिक धाराओं के छात्रों को उनकी संख्या और आवश्यकता के अनुसार उचित अवसर मिल सके।