क्या बंद होने वाला है FIITJEE ? कोचिंग सेंटर के बाहर पेरेंट्स का बवाल, फीस वापसी की मांग, जानें पूरा मामला

FIITJEE Coaching Center : पेरेंट्स का आरोप है कि संस्थान ने छात्रों से दो साल की एडवांस फीस ली थी, लेकिन अब इसे बंद करने की योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा....

FIITJEE

FIITJEE Coaching Center  : गाजियाबाद के RDC राजनगर स्थित FIITJEE (Forum For Indian Institute of Technology-Joint Entrance Examination) कोचिंग सेंटर में हाल ही में कई शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों के संस्थान छोड़ने के बाद छात्रों और अभिभावकों के बीच नाराजगी बढ़ गई है। FIITJEE की गाजियाबाद और नोएडा सेक्टर 62 स्थित शाखाओं के बाहर पेरेंट्स ने अपनी असहमति जाहिर की है।

पेरेंट्स का आरोप है कि संस्थान ने छात्रों से दो साल की एडवांस फीस ली थी, लेकिन अब इसे बंद करने की योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा, शिक्षकों को समय पर वेतन न मिलने के कारण कई शिक्षक या तो संस्थान छोड़कर अन्य कोचिंग सेंटर में जा चुके हैं या अपनी खुद की कोचिंग शुरू कर चुके हैं। इस स्थिति का सीधा असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ रहा है।

अभिभावकों का कहना है कि FIITJEE ने भारी भरकम फीस ली थी, लेकिन अब उनके बच्चों का भविष्य अनिश्चितता में डाल दिया है। उन्होंने मांग की है कि या तो फीस वापस की जाए या फिर बच्चों का कोर्स पूरा कराया जाए।

FIITJEE प्रबंधन से संतोषजनक जवाब न मिलने के कारण पेरेंट्स ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया। नोएडा सेक्टर 63 स्थित शाखा के बाहर भी अभिभावकों ने प्रदर्शन करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

जांच में हुआ खुलासा 

गाजियाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक और डीएम से शिकायत के बाद जांच में खुलासा हुआ कि FIITJEE की गाजियाबाद शाखा का स्थानीय स्तर पर कोई रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया गया था। इस अनियमितता के चलते गाजियाबाद के कविनगर थाने में FIITJEE के प्रबंधकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। प्रबंधकों—दिनेश गोयल, मनीष आनंद, राजीव बब्बर, और आशीष गुप्ता—के खिलाफ आईपीसी की धारा 318(4) और 316(2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

मामले की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। इस बीच, पेरेंट्स ने बताया कि उन्हें शिक्षकों से सूचना मिली कि वे अब FIITJEE में पढ़ाने के लिए उपलब्ध नहीं होंगे और छात्रों को किसी अन्य कोचिंग सेंटर में शिफ्ट किया जाएगा।

यह स्थिति पेरेंट्स के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि उन्होंने पहले ही बच्चों की पूरी फीस चुका दी है। अब उन्हें यह नहीं पता कि उनके बच्चों का कोर्स पूरा कराया जाएगा या नहीं। पेरेंट्स ने मांग की है कि उनकी जमा की गई फीस का 60% हिस्सा लौटाया जाए या फिर यह सुनिश्चित किया जाए कि छात्रों का सिलेबस पूरा होगा।

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