Board Exam: बोर्ड की परीक्षाएं नजदीक हैं, और जैसे जैसे तारीखें पास आती हैं, बच्चों के मन में घबराहट बढ़ती जाती है। परीक्षा का नाम सुनते ही कुछ बच्चे बेचैन हो जाते हैं, उन्हें घबराहट होती है और कई बार तो पढ़ा हुआ भी भूल जाते हैं। इसे एंजायटी या एग्जाम फोबिया कहा जाता है। यह एक आम समस्या है, लेकिन सही तरीके से इसे दूर किया जा सकता है।
परीक्षा का डर क्यों होता है
मनोचिकित्सक डॉ. नीलिमा महापात्रा का कहना है कि परीक्षा का डर बच्चों में बहुत सामान्य बात है। जिन बच्चों की तैयारी अधूरी होती है, वे तो घबराते ही हैं, लेकिन कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि जो बच्चे अच्छी तरह से पढ़ाई कर चुके होते हैं, वे भी परीक्षा के नाम से डर जाते हैं। कई बच्चों में तो यह समस्या इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि वे पढ़ाई ही नहीं कर पाते। ऐसे मामलों में मनोचिकित्सक से सलाह लेना जरूरी हो जाता है, ताकि बच्चे अपने डर पर काबू पा सकें।
थेरेपी से कैसे मदद मिलती है
डॉ. महापात्रा बताती हैं कि थेरेपी से बच्चों को परीक्षा का डर दूर करने में बहुत मदद मिलती है। इस थेरेपी में बच्चों को तनाव से निपटने के तरीके सिखाए जाते हैं और परीक्षा के समय शांत रहने के टिप्स दिए जाते हैं। अगर कोई बच्चा परीक्षा के डर से पढ़ाई नहीं कर पा रहा है या एग्जाम हॉल में घबराने लगता है, तो थेरेपी उसके लिए फायदेमंद हो सकती है।
परीक्षा के डर से कैसे बचें
अगर परीक्षा को लेकर डर लग रहा है, तो इन आसान तरीकों को अपनाकर उसे दूर किया जा सकता है
अच्छी प्लानिंग करें परीक्षा की तैयारी के लिए एक टाइम टेबल बनाएं और सभी विषयों को बराबर समय दें।
रिवीजन का समय रखें,पढ़ाई के बाद रिवीजन करना बहुत जरूरी है, इससे चीजें जल्दी याद रहती हैं।छोटे ब्रेक लें
लगातार घंटों तक पढ़ाई करने से दिमाग थक जाता है, इसलिए हर घंटे 5-10 मिनट का ब्रेक जरूर लें।
रोज़ाना हल्का व्यायाम करें योग या हल्की एक्सरसाइज करने से दिमाग शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है।
अच्छी नींद लें रात को कम से कम 8 घंटे की नींद लें, इससे दिमाग फ्रेश रहेगा और पढ़ाई में मन लगेगा।