Tuesday, November 11, 2025
  • Login
News1India
  • राष्ट्रीय
  • देश
  • बिहार चुनाव 2025
  • विदेश
  • राज्य ▼
    • दिल्ली
    • हरियाणा
    • राजस्थान
    • छत्तीसगढ़
    • गुजरात
    • पंजाब
  • क्राइम
  • टेक्नोलॉजी
  • धर्म
  • मौसम
  • ऑटो
  • खेल
🔍
Home राष्ट्रीय

25 जून 1975 जब भारत की जनता की आवाज़ छीन ली गई थी, क्यों लोकतंत्र पर लगी थी रोक

1975 की इमरजेंसी में भारत की जनता से बोलने, लिखने और विरोध करने का हक छीन लिया गया। इसे आज भी भारत के लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला माना जाता है।

SYED BUSHRA by SYED BUSHRA
June 24, 2025
in राष्ट्रीय
1975 Emergency in India
492
SHARES
1.4k
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

Emergency in India  50 साल पहले, 25 जून 1975 की रात देश की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक ताकत जनता की आवाज़ को चुप करवा दिया गया था। उस रात इंदिरा गांधी की सरकार ने पूरे देश में अचानक आपातकाल (Emergency) लागू कर दिया।

इस फैसले के साथ ही आम लोगों के मौलिक अधिकार खत्म कर दिए गए। अखबारों पर सरकार की नजर रखी जाने लगी, हर खबर छापने से पहले सरकार की मंजूरी जरूरी हो गई। जो लोग सरकार का विरोध कर रहे थे, उन्हें बिना मुकदमे के जेल में डाल दिया गया।

RELATED POSTS

Constitution Amendment Bill संसद में पेश हुआ संविधान संशोधन बिल,बड़ा सवाल सहयोगियों का रुख क्या रहेगा

Constitution Amendment Bill संसद में पेश हुआ संविधान संशोधन बिल,बड़ा सवाल सहयोगियों का रुख क्या रहेगा

August 22, 2025
Vice President Election: विपक्ष ने सुदर्शन रेड्डी को उतार क्या सियासी पारा चढ़ा दिया, बड़ा सवाल नायडू किसका देंगे साथ

Vice President Election: विपक्ष ने सुदर्शन रेड्डी को उतार क्या सियासी पारा चढ़ा दिया, बड़ा सवाल नायडू किसका देंगे साथ

August 20, 2025

पहले भी लगे थे आपातकाल

1975 से पहले भारत में दो बार और आपातकाल लगा था।

1962 में पहला आपातकाल चीन से युद्ध के चलते लगाया गया था। तब देश पर बाहरी खतरा था और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसे सुरक्षा के लिए जरूरी समझा। यह आपातकाल 1968 तक चला।

1971 में दूसरी बार पाकिस्तान से युद्ध के कारण फिर आपातकाल लागू हुआ। यह युद्ध बांग्लादेश की आज़ादी से जुड़ा था। उस समय देश के राष्ट्रपति वीवी गिरी थे।

इन दोनों मौकों पर आपातकाल का कारण साफ था।देश पर बाहरी हमला। लेकिन 1975 की इमरजेंसी बिल्कुल अलग थी।

1975 की इमरजेंसी सत्ता बचाने की कोशिश

12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द कर दिया। अदालत ने उन्हें छह साल तक चुनाव लड़ने से भी रोक दिया। इसके बाद उनके इस्तीफे की मांग ज़ोर पकड़ने लगी और देश भर में प्रदर्शन शुरू हो गए।

इंदिरा गांधी ने इसे ‘आंतरिक संकट’ बताकर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से आपातकाल की घोषणा करवा दी। हकीकत में यह फैसला सत्ता से चिपके रहने के लिए लिया गया था।

यह इमरजेंसी 21 महीने तक यानी 21 मार्च 1977 तक चली।

क्या हुआ था आपातकाल में?

संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत जनता के अधिकार छीन लिए गए।

मीडिया को पूरी तरह से सरकार के नियंत्रण में कर दिया गया।

हजारों राजनीतिक कार्यकर्ताओं को बिना किसी वजह के जेल में बंद कर दिया गया।

जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेता जेल भेजे गए।

आज भी उठते हैं सवाल

आज भी 1975 की इमरजेंसी को लोकतंत्र के काले अध्याय के रूप में याद किया जाता है। इसे इंदिरा गांधी की तानाशाही और सत्ता की भूख का उदाहरण माना जाता है। विपक्षी पार्टियां आज भी कांग्रेस को इस फैसले के लिए निशाना बनाती हैं।

यह वो समय था जब जनता की आवाज, अभिव्यक्ति की आज़ादी और लोकतंत्र सबको ताले में बंद कर दिया गया था।

Tags: historical eventsIndian Politics
Share197Tweet123Share49
SYED BUSHRA

SYED BUSHRA

Related Posts

Constitution Amendment Bill संसद में पेश हुआ संविधान संशोधन बिल,बड़ा सवाल सहयोगियों का रुख क्या रहेगा

Constitution Amendment Bill संसद में पेश हुआ संविधान संशोधन बिल,बड़ा सवाल सहयोगियों का रुख क्या रहेगा

by SYED BUSHRA
August 22, 2025

Constitution 130th Amendment Bill in Parliament: संसद के मॉनसून सत्र में 20 अगस्त को संविधान में 130वां संशोधन विधेयक पेश...

Vice President Election: विपक्ष ने सुदर्शन रेड्डी को उतार क्या सियासी पारा चढ़ा दिया, बड़ा सवाल नायडू किसका देंगे साथ

Vice President Election: विपक्ष ने सुदर्शन रेड्डी को उतार क्या सियासी पारा चढ़ा दिया, बड़ा सवाल नायडू किसका देंगे साथ

by SYED BUSHRA
August 20, 2025

Vice President Election: उपराष्ट्रपति चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया ब्लॉक’ ने सुप्रीम...

: chief election commissioner removal process india

constitutions ने मुख्य चुनाव आयुक्त को दी है कौन सी खास सुरक्षा ,विपक्ष का उन्हें हटाना क्यों है मुश्किल? विस्तार से समझें

by SYED BUSHRA
August 20, 2025

Chief Election Commissioner removal process-भारत के राजनीतिक माहौल में इन दिनों विपक्ष और चुनाव आयोग के बीच तनाव काफी बढ़...

राष्ट्रीय अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति दोनों पदों के लिए भाजपा कब लेगी फैसला,क्यों है N D A और संघ की मंजूरी भी ज़रूरी

by SYED BUSHRA
July 29, 2025

BJP in Search of New Vice President and party president : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इन दिनों नए राष्ट्रीय अध्यक्ष...

Manipur President Rule extended under Article 356 amid political unrest

Manipurमें राष्ट्रपति शासन और कितने दिनों के लिए बढ़ा,क्या राजनीतिक हालात अब भी अस्थिर

by SYED BUSHRA
July 25, 2025

President's Rule Extended in Manipur: मुख्यमंत्री के इस्तीफे और राज्य विधानसभा के भंग होने के बाद फरवरी 2025 से मणिपुर...

Next Post
New Government Schemes for Senior Citizens in 2025

क्या है सीनियर सिटिज़न सेविंग्स स्कीम जो बुजुर्गों की सेहत,सम्मान और सुविधा का रखे ध्यान

Iran

सीजफायर के बावजूद ईरान का हमला, 6 इजरायली नागरिकों की मौत: क्या जंग फिर से भड़केगी?

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

News1India

Copyright © 2025 New1India

Navigate Site

  • About us
  • Privacy Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • देश
  • बिहार चुनाव 2025
  • विदेश
  • राज्य
    • दिल्ली
    • हरियाणा
    • राजस्थान
    • छत्तीसगढ़
    • गुजरात
    • पंजाब
  • क्राइम
  • टेक्नोलॉजी
  • धर्म
  • मौसम
  • ऑटो
  • खेल

Copyright © 2025 New1India

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

Go to mobile version