रोजगार: मोदी की राह चले नीतीश, बिहार में 4000 Floating पद बनाए गए

पटना। मोदी सरकार में भारतीय सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की स्कीम को जारी किया गया था। इस स्कीम को लेकर सबसे ज्यादा बवाल बिहार में ही देखने को मिला था। वहीं, अब नीतीश सरकार ने भी मोदी की राह पर चलने की ठान ली है। बिहार मंत्रिमंडल ने मंगलवार को हुई बैठक में कुल 16 प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में राज्य के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय से पीजी डिप्लोमा उत्तीर्ण छात्रों से कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर तीन साल के लिए 3990 फ्लोटिंग पदों के सृजन को स्वीकृत किया गया है। पीएमसीएच में विभिन्न विभागों के सृजन और उसके लिए शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक 229 पदों के सृजन को कैबिनेट ने स्वीकृति दी है।

गया एयरपोर्ट पर एविएशन टरबाइन फ्यूल (Aviation Turbine Fuel) की वैट दर को 29 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी किया गया है। राज्य के 35 सदर अस्पतालों में ड्रेसर के 210 पदों के सृजन को कैबिनेट से स्वीकृति मिली है। पटना के कदमकुआं स्थित बिहार औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला में 39 पदों के सृजन और तीन पदों के प्रत्यर्पण की स्वीकृति मिली है।

पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अंतर्गत राज्य के 12 जिलों कैमूर, सुपौल, पूर्वी चंपारण, सीवान, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, शेखपुरा, गोपालगंज, बेगूसराय, भोजपुर और बक्सर में 520 विद्यार्थियों की क्षमता वाले 1-1 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू स्कूलों के भवन निर्माण के लिए प्रति स्कूल 46 करोड़ 35 लाख 28,000 की लागत से कुल 556 करोड़ 23 लाख, 36 हजार रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।

विधि विभाग के तहत गया में न्यायिक आवासीय परिसर में 20 यूनिट 04 ब्लॉक यानी 80 पीओ आवास और कम्युनिटी सेंटर के निर्माण के लिए 46 करोड़ 28 लाख एक हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर बनाने और कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में कुल 17 सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में विभिन्न विभागों के सृजन और उसके लिए 2673 नए पदों के सृजन को स्वीकृत प्रदान की गई है।

छपरा स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में कुल 423 नए पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई है जबकि समस्तीपुर स्थित राम जानकी चिकित्सा महाविद्यालय में कुल 423 पदों के सृजन की स्वीकृति कैबिनेट ने दी है। नगर निकाय चुनाव 2022 को संपन्न कराने के लिए सरकार ने 62 करोड़ 18 लाख की अग्रिम राशि की स्वीकृति दी है।

सरकार ने विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के तहत गया स्थित सब क्षेत्रीय साइंस सेंटर की परिसंपत्तियों को सृजित पदों समेत बिहार काउंसिल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी पटना को हस्तांतरित कर दिया है। अब इसका संचालन पटना स्थित बिहार काउंसिल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा किया जाएगा। बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी किशनगंज के तत्कालीन उप समाहर्ता सह प्रभारी पदाधिकारी ब्रज किशोर सदानंद की बर्खास्तगी को सरकार ने बरकरार रखा है।

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