Gujarat: के वडोदरा में एक महिला खुद से शादी करने वाली है। इस शादी में उनके साथ फेरे लेने के लिए कोई दूल्हा नहीं होगा। यह भारत का पहला मामला है जहां कोई सोलो वेडिंग कर रही है। इससे पहले जापान में ज्यादातर लड़कियों ने सोलो वेडिंग को अपनाया है। आज के समय में सिर्फ जापान ही नहीं बल्कि इटली, ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, अमेरिका और यूके में भी बहुत तेजी से इस ट्रेंड को अपनाया जा रहा है।
सोलोगामी क्या होता है ?
कोई भी इंसान जब खुद से प्यार करता है और जब खुद से ही शादी करने का फैसला लेता है तो उसे सोलोगामी या ऑटोगामी कहा जाता है। सोलोगामी के समर्थकों का तर्क है कि खुद से शादी करके खुद की अहमियत की पुष्टि करना है। यह एक खुशहाल जीवन की ओर ले जाता है। इसे स्व विवाह भी कहते हैं।

क्षमा का इस आत्म विवाह को लेकर कहना है, ‘मैं कभी शादी नहीं करना चाहती थी, लेकिन मैं दुल्हन बनना चाहती थी। इसलिए मैंने खुद से शादी करने का फैसला किया। शायद अपने देश में मैं सेल्फ-लव का एक उदाहरण सेट करने वाली पहली लड़की हूं।’ गुजरात की 24 वर्षीय क्षमा बिंदु ने अपने लिए लहंगा और गहने भी खरीदे है। इसके साथ ही उसने दुल्हन की तरह सजने कि लिए पार्लर भी बुक कराया है अपनी शादी के लिए क्षमा ने गोत्री का मंदिर चुना है और शादी में लेने के लिए खुद से पांच कसमें लिखी हैं। उन्होंने कहा कि सेल्फ मैरिज खुद के लिए प्यार दिखाने का तरीका है। मैं खुद से प्यार करती हूं और इसलिए ये शादी कर रही हूं। उन्होंने बताया की उनके माता-पिता भी इस फैसले से खुश है। उन्होंने इस शादी को आशीर्वाद भी दिया है। शादी के बाद क्षमा हनीमून के लिए गोवा को चुना है, यहां पर वह दो हफ्ते रहेंगी।