लोकप्रिय टेलीविज़न सिटकॉम ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ (TMKOC) में अभिनेता शरद सांकला, जो ‘अब्दुल भाई’ के किरदार के लिए जाने जाते हैं, ने शो से पहले जीवन के सबसे कठिन दौर के बारे में खुलकर बात की है। हाल ही में दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें करीब 7 साल तक कोई स्थायी काम नहीं मिला। इस दौरान उनके सामने आर्थिक और मानसिक चुनौतियाँ थीं, लेकिन उन्होंने संघर्ष और धैर्य का साथ नहीं छोड़ा।
शरद के जीवन का यह कठिन समय तब शुरू हुआ जब उन्होंने अभिनय की दुनिया में आने के बाद लगभग 7 साल तक सिर्फ ऑफ़िसों और प्रोडक्शन हाउसों के चक्कर लगाए, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। उन्होंने बताया कि उसी दौर में उन्होंने काम की असली कद्र सीखी और मेहनत की अहमियत समझी।
‘काम का मूल्य’ समझने का अनुभव
इंटरव्यू के दौरान शरद सांकला ने कहा कि जब व्यक्ति के पास काम नहीं होता, तो दाल‑आटा जैसी बुनियादी चीज़ों की क़ीमत भी समझ में आती है। उन्होंने अपनी बात में कहा, “सबको जीवन में उतार‑चढ़ाव का सामना करना पड़ता है, लेकिन यही अनुभव जीवन को मजबूत बनाते हैं।”
इस अनुभव ने न केवल उनके अभिनय करियर के लिए उन्हें तैयार किया बल्कि उन्हें काम की अहमियत और संघर्ष की सीख भी दी। शरद ने यह भी कहा कि संघर्ष के दिनों में उनके परिवार ने उनका पूरा साथ दिया, जिससे उन्हें लगातार आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।
असित कुमार मोदी और TMKOC से जुड़ने का मोड़
शरद सांकला की किस्मत तब बदली जब उन्होंने ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के निर्माता असित कुमार मोदी से संपर्क किया। असित मोदी और शरद कॉलेज के दोस्त भी रहे हैं, और इसी वजह से सांकला को ‘अब्दुल’ का किरदार निभाने का मौका मिला। यह फैसला उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। TMKOC में 2008 से अब्दुल का किरदार निभाते हुए शरद सांकला आज घर‑घर में पहचाने जाते हैं। शो की लोकप्रियता ने उन्हें स्थिर पहचान, आर्थिक सफलता और दर्शकों का प्रेम दिया है।
करियर और आज की स्थिति
आज शरद सांकला केवल एक सफल टीवी अभिनेता ही नहीं हैं, बल्कि उन्होंने अपने परिवार के भविष्य के लिए रेस्टोरेंट व्यवसाय भी शुरू किया है और एक सम्मानजनक जीवन जी रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत में उनकी फीस थोड़ी थी, लेकिन अब उनकी आर्थिक स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। उनकी कहानी यह दिखाती है कि कड़ी मेहनत, संघर्ष और उम्मीद हमेशा ही अंत में सफलता की ओर ले जाते हैं।
शरद सांकला का संघर्ष और सफलता दोनों ही आज कई नए कलाकारों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। 7 साल बेरोज़गार रहने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः टीवी इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई। उनकी कहानी यह संदेश देती है कि अवसर ढूँढने के लिए कभी नहीं रुकना चाहिए।










