‘धुरंधर’ की हिंसा पर उठे सवालों का सौम्या टंडन ने दिया जवाब, बोलीं— कहानी की जरूरत है, सभी दर्शकों को खुश करना संभव नहीं

फिल्म ‘धुरंधर’ में दिखी हिंसा पर उठे सवालों के बीच सौम्या टंडन ने कहा कि कहानी की मांग के अनुसार ही दृश्यों को फिल्माया गया है और सभी दर्शकों को संतुष्ट करना संभव नहीं।

Dhurandhar movie: रणवीर सिंह की फिल्म ‘धुरंधर’ अपनी कहानी और स्क्रीन पर दिखायी गई हिंसा को लेकर चर्चा में है। शो में अहम भूमिका निभा रहीं टीवी एक्ट्रेस सौम्या टंडन ने सीरीज़ में दिखाए गए एक्शन और हिंसक सीन्स का बचाव किया है। सोशल मीडिया पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह हिंसा कहानी का अनिवार्य हिस्सा है और दर्शकों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं स्वाभाविक हैं।

हिंसा को बताया कहानी की जरूरत

सौम्या टंडन ने कहा कि ‘धुरंधर’ की कहानी मूल रूप से अपराध, सत्ता और बदले की पृष्ठभूमि पर आधारित है, इसलिए हिंसा को हटाकर कहानी को अधूरा नहीं किया जा सकता। उनके अनुसार, पात्रों की स्थितियों और भावनाओं को वास्तविकता के साथ पेश करना ज़रूरी था, तभी दर्शक उनसे जुड़ पाते हैं।

“हर किसी को खुश नहीं कर सकते”—सौम्या टंडन

जब उनसे पूछा गया कि कुछ दर्शक फिल्म में मौजूद हिंसा को लेकर असहज क्यों महसूस कर रहे हैं, तो सौम्या ने साफ कहा—
“हम जो भी बनाते हैं, वह सभी को पसंद आ जाए, यह संभव नहीं है। कुछ लोग हिंसा को कहानी का हिस्सा मानते हैं, जबकि कुछ इससे असहज होते हैं। लेकिन हमें कहानी की मांग के अनुसार ही काम करना होता है।”

सोशल मीडिया पर मिली मिली-जुली प्रतिक्रिया

धुरंधर की रिलीज़ से पहले ही सोशल मीडिया पर दर्शकों की राय बंटी हुई दिखाई दी। कई यूजर्स ने फिल्म के दमदार अभिनय और रियलिस्टिक अप्रोच की तारीफ की, वहीं कुछ ने हिंसा को ‘जरूरत से ज्यादा’ बताया। इस पर सौम्या ने कहा कि क्रिएटर्स हमेशा दर्शकों की प्रतिक्रिया का सम्मान करते हैं, लेकिन कहानी को कमजोर करने वाला कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता।

सौम्या ने यह भी बताया कि फिल्म में दिखाए गए संघर्षपूर्ण दृश्यों के लिए शूटिंग टीम ने विशेष ट्रेनिंग ली थी। कलाकारों ने अपने किरदारों के लिए हफ्तों वर्कशॉप कीं ताकि कहानी स्क्रीन पर वास्तविक लगे।

हिंसा पर सवाल उठने के बावजूद ‘धुरंधर’ को कंटेंट, डायरेक्शन और परफॉर्मेंस के लिए अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। सौम्या टंडन ने उम्मीद जताई कि दर्शक शो को उसकी संपूर्णता में देखने के बाद समझेंगे कि हिंसा कहानी को आगे बढ़ाने का ही हिस्सा है।

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