OSCAR : डॉक्यूमेंट्री “नो अदर लैंड” ने बेस्ट डॉक्यूमेंट्री कैटेगरी में ऑस्कर अवार्ड जीतकर इतिहास रच दिया है। यह फिल्म 2024 की सबसे प्रभावशाली और साहसी डॉक्यूमेंट्री मानी जा रही है, जिसने कई महाद्वीपों में आलोचकों, निर्णायक मंडलों और दर्शकों से दर्जनों पुरस्कार प्राप्त किए हैं। फिल्म में इजरायली सेना द्वारा किए गए अत्याचारों और वेस्ट बैंक में बसे फिलिस्तीनियों पर हो रहे हमलों को उजागर किया गया है।
यह डॉक्यूमेंट्री वेस्ट बैंक के हेब्रोन पहाड़ों में बसे मासफर याट्टा गांवों के विध्वंस की कहानी को दिखाती है, जहां फिल्म की सह-निर्माता अद्रा और उनका परिवार अभी भी रहते हैं। फिल्म में यह भी दिखाया गया है कि कैसे स्थानीय खेल के मैदान को नष्ट कर दिया जाता है, जिसके बाद अद्रा का परिवार अपने बिस्तर और अन्य सामान के साथ एक गुफा में रहने को मजबूर हो जाता है। इसके अलावा, फिल्म में अद्रा के भाई को इजरायली सेना द्वारा गोली मारे जाने की दर्दनाक घटना को भी फिल्माया गया है।
2019 से 2023 तक चली फिल्म की शूटिंग, बेदखली की कहानी को किया उजागर
“नो अदर लैंड” की शूटिंग 2019 में शुरू हुई और 2023 तक चली। फिल्म में इजरायली सरकार द्वारा ग्रामीणों को जबरन उनके घरों से बेदखल करने के प्रयासों को दिखाया गया है। 1981 में इस क्षेत्र को सैन्य प्रशिक्षण और फायरिंग रेंज के लिए अधिग्रहित करने के इजरायली दावे को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही थी, जिसका 2022 में इजरायली सुप्रीम कोर्ट ने गांवों को ध्वस्त करने के पक्ष में फैसला सुनाया।
इजरायली अभियोजकों का तर्क था कि फिलिस्तीनी निवासियों ने इस क्षेत्र पर कब्जा तब किया, जब इसे सैन्य फायरिंग रेंज घोषित किया गया था, जबकि स्थानीय लोगों ने इसका खंडन करते हुए बताया कि आईडीएफ (इजरायली डिफेंस फोर्स) ने 1966 में ही मासफर याट्टा में फिलिस्तीनी घरों को ध्वस्त कर दिया था।
मध्य पूर्व में युद्ध के बीच रिलीज हुई डॉक्यूमेंट्री
हालांकि, इस डॉक्यूमेंट्री की कहानी हमास द्वारा 2023 में किए गए हमलों से पहले समाप्त हो जाती है, जिसमें इजरायल में करीब 1,200 लोगों की जान गई थी। लेकिन फिल्म की रिलीज ऐसे समय में हुई, जब गाजा पर इजरायली हमलों के चलते 8 अक्टूबर 2023 से अब तक करीब 48,000 लोग मारे जा चुके हैं।
अमेरिकी वितरकों की हिचकिचाहट
ऑस्कर जीतने के बावजूद, डॉक्यूमेंट्री के सह-निर्माता अद्रा और इजरायली पत्रकार युवल अब्राहम ने CNN को बताया कि अमेरिकी वितरक “नो अदर लैंड” को रिलीज करने में झिझक रहे हैं। आलोचकों और दर्शकों से जबरदस्त प्रशंसा मिलने के बावजूद, यह फिल्म राजनीतिक कारणों से वितरकों के लिए संवेदनशील विषय बनी हुई है। “नो अदर लैंड” सिर्फ एक डॉक्यूमेंट्री नहीं, बल्कि एक साहसिक प्रयास है, जो मध्य पूर्व में हो रहे संघर्षों और मानवीय संकट को दुनिया के सामने लाने का काम कर रही है।