Elvish Yadav : सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर एलविश यादव के खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाही पर फिलहाल अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया है। यह आदेश उस मामले से जुड़ा है जिसमें एलविश यादव पर एक कथित रेव पार्टी में शामिल होने का आरोप है, जहां सांप के ज़हर (स्नेक वेनम) और अन्य नशीले पदार्थों की आपूर्ति और सेवन की बात सामने आई थी।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में दाखिल आरोपपत्र और आपराधिक कार्यवाही को एलविश यादव ने चुनौती दी थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एम. एम. सुंदरेश और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता को नोटिस जारी कर, उनसे जवाब मांगा है।
एलविश पर क्या थे आरोप ?
यह सुनवाई एलविश यादव द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर हो रही थी, जिसमें हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। यादव ने हाईकोर्ट से उनके खिलाफ जारी समन और दाखिल चार्जशीट को रद्द करने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने यह कहते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी कि मामले की विधिसम्मत जांच जरूरी है। चार्जशीट में आरोप है कि उस रेव पार्टी में विदेशी नागरिकों समेत कई लोगों ने नशे के लिए सांप के ज़हर का सेवन किया था। इस मामले में एलविश यादव को मार्च 2024 में नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
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हाईकोर्ट में यादव के वकील ने दलील दी थी कि याचिकाकर्ता और अन्य सह-आरोपियों के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है, और उनके पास से कोई सांप, मादक पदार्थ या नशीला पदार्थ बरामद नहीं हुआ। इसके साथ ही वकील ने यह भी तर्क दिया कि शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता, जो खुद को पशु कल्याण अधिकारी बताते हैं, वास्तव में अधिकृत अधिकारी नहीं हैं। बावजूद इसके उन्होंने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई। वकील ने यह भी कहा कि एलविश यादव एक लोकप्रिय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं और कई टेलीविजन रियलिटी शोज़ में हिस्सा ले चुके हैं, जिसके कारण प्राथमिकी में उनका नाम आते ही मीडिया और समाज में इसका व्यापक प्रभाव पड़ा।