Kangana Ranaut : कंगना रनौत बड़े पर्दे पर एक बार फिर लौट आई हैं, लेकिन इस बार सिर्फ एक अभिनेत्री के रूप में नहीं, बल्कि निर्देशक की भूमिका में भी है। अपनी बायोग्राफिकल पॉलिटिकल ड्रामा ‘इमरजेंसी’ के जरिए उन्होंने दूसरी बार निर्देशन का जिम्मा संभाला है। फिल्म जो काफी इंतजार के बाद रिलीज हुई में कंगना दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं। अनुपम खेर, मिलिंद सोमन और श्रेयस तलपड़े जैसे दमदार कलाकार भी इस फिल्म का हिस्सा हैं। अगर आप ‘इमरजेंसी’ देखने का विचार बना रहे हैं, तो पहले इसकी समीक्षा जरूर पढ़ें।
जानें पूरी कहानी
‘इमरजेंसी’ इंदिरा गांधी की राजनीतिक बायोपिक कही जा रही है, लेकिन यह मुख्य रूप से ड्रामा पर आधारित है। फिल्म 1975 में देश में लगाए गए आपातकाल और बांग्लादेश की आजादी जैसे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों को केंद्र में रखती है। कहानी की शुरुआत इंदिरा गांधी के बचपन से होती है और धीरे-धीरे उनके प्रधानमंत्रित्व काल तक पहुंचती है। फिल्म में उनके संघर्ष और फैसलों को दिखाया गया है, लेकिन उनकी हत्या जैसी अन्य प्रमुख घटनाओं को काफी संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है।
अभिनय की बात करें, तो फिल्म पूरी तरह कंगना रनौत के कंधों पर टिकी है। उन्होंने इंदिरा गांधी के किरदार में जान डाल दी है। जो दर्शक इंदिरा गांधी के दौर से परिचित हैं, उन्हें फिल्म की कहानी और किरदारों से जुड़ाव महसूस होगा। हालांकि, कुछ अन्य महत्वपूर्ण राजनीतिक किरदार दर्शकों पर प्रभाव छोड़ने में विफल रहे। मिलिंद सोमन ने फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के किरदार में अपनी छाप छोड़ी, भले ही उनका स्क्रीन टाइम कम था।
कंगना ने इस फिल्म में न केवल अभिनय किया है, बल्कि इसे निर्देशित भी किया है। यह उनकी पहली सोलो डायरेक्टेड फिल्म है, और उन्होंने इसे बखूबी निभाया है। हालांकि, फिल्म की शुरुआत थोड़ी धीमी लग सकती है, खासकर तब, जब यह इंदिरा गांधी के किशोरावस्था और शुरुआती संघर्षों पर केंद्रित होती है। लेकिन फिल्म की रफ्तार तब बढ़ती है, जब कहानी 1971 के भारत-पाक युद्ध (बांग्लादेश की आजादी) के समय में प्रवेश करती है।
क्या आपको फिल्म देखनी चाहिए?
‘इमरजेंसी’ उन दर्शकों के लिए एक अच्छी फिल्म है, जो आपातकाल के समय की गहराई और उस दौर की राजनीति को समझने में रुचि रखते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों और इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों को यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए। हालांकि यह फिल्म आपको पूरी तरह रोमांचित नहीं करेगी, लेकिन इंदिरा गांधी के जीवन के सबसे विवादित और निर्णायक दौर को प्रभावी तरीके से पेश करती है। कुल मिलाकर, कंगना रनौत का यह प्रयास सराहनीय है। फिल्म ‘इमरजेंसी’ 5 में से 3 स्टार पाने की हकदार है, खासकर उनके अभिनय और निर्देशन के लिए।