Year End 2024: हम बात कर रहें भारत के कुछ ऐसे महान लोगो की जो इस साल हमको छोड़ कर चले गए लेकिन उनकी यादें और उनके द्वारा किए हुए काम हम कभी नहीं भूल पाएंगे। यहाँ हर किसी ने अलग तरह से भारत की सेवा की और पूरी दुनिया में भारत की छवि को धूमिल नहीं होने दिया। अपने हुनर से और अपनी पूरी लगन से दुनिया के दिलों पर राज किया। इसीलिए जब तक ये संसार रहेगा तब तक ऐसे महान लोगो की याद हमेशा हम सब के जीवन का अनमोल हिस्सा बनी रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा मिलती रहेगी।
रतन टाटा
इस श्रृंखला में पहला नाम आता है रतन टाटा भारत के सबसे बड़े उद्योगपति रतन टाटा का 9 अक्टूबर 2024 को 86 साल की उम्र में निधन हो गया।उनके निधन की ख़बर ने पूरी दुनिया को सदमे में डाल दिया।वह लंबे समय से बीमार थे और मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे। रतन टाटा ने 30 साल तक टाटा समूह का नेतृत्व किया और टाटा संस के अध्यक्ष रहे।और भारत को पूरी दुनिया में एक अलग पहचान दिलाई।उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा और उन्होंने जो मूल्य स्थापित किए, उन्हें आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी।
पंकज उधास
भारत के एक दिग्गज गजल गायक पंकज उधास का 26 फरवरी 2024 को 72 साल की उम्र में निधन हो गया। उनका निधन भारतीय संगीत जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है। पंकज उधास की गजलों ने हमेशा श्रोताओं के दिलों में खास जगह बनाई जो केवल देश नहीं विदेशियों को झूमने पर मजबूर कर देती थी।पंकज उधास को पैंक्रियाटिक कैंसर था। उन्हें अपनी मौत से चार महीने पहले इस बारे में पता चला था।
सुशील कुमार मोदी
इसमें एक नाम शामिल है बिहार के राजनीति के केंद्र कहे जाने वाले सुशील कुमार मोदी का। जिनका निधन 13 मई को हुआ था। पांच दशकों तक बिहार की राजनीति में अलग-अलग भूमिका निभाने वाले सुशील कुमार मोदी बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री भी रहे हैं। वो कैंसर से जूझ रहे थे।पूर्व उपमुख्यमंत्री जेपी आंदोलन की उपज माने जाते थे।सुशील कुमार 1990 में पटना केन्द्रीय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद 1995 और 2000 में भी वो इसी सीट से चुनाव जीते।
ज़ाकिर हुसैन
तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन हाल ही में हुआ है।उन्होंने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। यहां उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने पूरी दुनिया में तबले की गूँज सुनाई और इसकी एक अलग पहचान बनाई संगीतकार पिछले दो हफ्तों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती थे।जाकिर बचपन से ही काफी प्रतिभाशाली थे। उन्होंने सात साल की उम्र में ही प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।जाकिर हुसैन ना केवल एक महान तबला वादक थे बल्कि एक बेहतरीन संगीतकार भी थे।