KK Tribute Google Doodle: आज 25 अक्टूबर को गूगल ने अपने विशेष डूडल के माध्यम से भारतीय संगीत जगत के चमकते सितारे केके (कृष्णकुमार कुन्नथ) को एक भावुक श्रद्धांजलि दी है। यह दिन उनके बॉलीवुड में पदार्पण का प्रतीक है, जब 1996 में उन्होंने गुलज़ार की फिल्म ‘माचिस’ के लिए ‘छोड़ आए हम’ गाना गाया था। आज भी जब यह गीत बजता है, तो केके की मधुर आवाज़ हमारे दिलों को छू जाती है।
गूगल का यह डूडल केके की यादों को ताज़ा कर देता है – एक ऐसा कलाकार जिसने (KK Tribute) अपनी आवाज़ से लाखों दिलों में घर बना लिया। डूडल में केके को माइक्रोफ़ोन के सामने पूरी शिद्दत से गाते हुए दर्शाया गया है, जो उनके जीवन का सार था – संगीत के प्रति समर्पण और जुनून।
एक अनमोल विरासत
दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे केके ने साबित कर दिया कि सपने देखने वालों के लिए आसमान भी छोटा है। किरोड़ी मल कॉलेज से पढ़ाई के बाद, मार्केटिंग की नौकरी छोड़कर उन्होंने संगीत को अपना जीवन बना लिया। 1994 में एक डेमो टेप से शुरू हुआ उनका सफर, जिंगल्स से होते हुए बॉलीवुड की बुलंदियों तको पहुंचा।
‘तड़प तड़प’ (हम दिल दे चुके सनम) से लेकर ‘आँखों में तेरी’ (ओम शांति ओम), ‘खुदा जाने’ (बचना ऐ हसीनो) और ‘दिल इबादत’ (तुम मिले) जैसे गीतों ने उन्हें अमर कर दिया। ग्यारह भाषाओं में लगभग 3,500 जिंगल्स और 700 से अधिक फिल्मी गाने गाकर उन्होंने एक ऐसी विरासत छोड़ी है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।
एक अधूरी विदाई
31 मई, 2022 का वह दिन संगीत प्रेमियों के लिए बेहद दर्दनाक था, जब कोलकाता में अपना आखिरी कॉन्सर्ट देने के बाद केके ने हमें अलविदा कह दिया। 53 वर्ष की उम्र में उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। कोलकाता में स्थापित उनकी प्रतिमा उनकी यादों को संजोए हुए है, जहाँ उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।
गूगल का प्यार भरा सम्मान
गूगल का यह डूडल केवल (KK Tribute) एक कलाकृति नहीं, बल्कि उस कलाकार को एक भावभीना नमन है, जिसने अपनी आवाज़ से करोड़ों लोगों के जीवन को संगीतमय बना दिया। डूडल में दिखाई गई उनकी मुस्कान और संगीत के प्रति समर्पण उनके व्यक्तित्व को सटीक रूप से प्रस्तुत करते हैं।
“एक गायक के रूप में केके की सबसे बड़ी खूबी उनकी बहुमुखी प्रतिभा थी। हिंदी से लेकर तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओड़िया, बंगाली, असमिया और गुजराती – हर भाषा में उन्होंने अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा,” गूगल ने अपनी श्रद्धांजलि में लिखा।
एक अमर विरासत
केके (KK Tribute) की आवाज़ में वह जादू था जो सीधे दिल को छू लेता था। उनके गाने आज भी युवाओं की जुबान पर हैं। प्यार हो या दर्द, खुशी हो या गम – हर भावना को उन्होंने अपनी आवाज़ में इस तरह पिरोया कि वह श्रोताओं के दिल में उतर गई।
आज जब गूगल ने उन्हें याद किया है, तो लगता है जैसे केके फिर से हमारे बीच हैं, अपनी मधुर आवाज़ में गुनगुना रहे हैं – “पल, ये हैं पल, जिन्हें हम जी रहे हैं…”। उनकी आवाज़ हमेशा हमारे दिलों में गूंजती रहेगी, और उनका संगीत हमेशा हमारा साथ देता रहेगा।
केके के जाने के बाद भी उनका संगीत हमारे बीच जिंदा है, और गूगल का यह डूडल इस बात का प्रमाण है कि एक सच्चा कलाकार कभी नहीं मरता, वह अपने कला में हमेशा जीवित रहता है। आज का यह डूडल न केवल एक श्रद्धांजलि है, बल्कि एक ऐसी विरासत का जश्न है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।