DhuranDhar:भारत और पाकिस्तान में रिलीज हुई फिल्म धुरंधर ने कराची के बदनाम लियारी इलाके को फिर से चर्चा में ला दिया है। आदित्य धर की इस स्पाई थ्रिलर में रणवीर सिंह, अक्षय खन्ना और संजय दत्त मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म में दिखाया गया गैंगवार सिर्फ कहानी नहीं, बल्कि वास्तविक घटनाओं की गूंज है। 2000 के दशक में यह इलाका अपराध, गोलीबारी और ड्रग्स के कारोबार का प्रमुख ठिकाना बन चुका था। राजनीतिक सहारे के कारण कई गैंग इतने मजबूत हो गए कि लियारी ‘नो-गो जोन’ कहलाने लगा।
खेल का मैदान से खून-खराबे तक
कराची का सबसे पुराना और भीड़भाड़ वाला इलाका लियारी शुरू में मजदूरों और डॉक वर्करों की बस्ती था। 1960–70 के दशक तक यहां हशीश का सीमित कारोबार चलता था। लेकिन अफगानिस्तान युद्ध के बाद हथियार और ड्रग्स की बाढ़ ने माहौल बदल दिया। गरीबी और बेरोजगारी ने युवाओं को अपराध के रास्ते पर धकेल दिया।
एक समय लियारी को ‘मिनी ब्राजील’ कहा जाता था क्योंकि यहां फुटबॉल क्लबों की भरमार थी और ओलंपिक बॉक्सर हुसैन शाह जैसे खिलाड़ी भी इसी इलाके से निकले। लेकिन धीरे-धीरे जातीय राजनीति और पार्टियों की रस्साकशी ने हिंसा को बढ़ा दिया। 1990 के दशक तक छोटे-छोटे गैंग्स ने अपहरण, वसूली और ड्रग तस्करी से अपनी पकड़ मजबूत की।
गैंगवार की शुरुआत: लालू, दादल और फिर रहमान का उभार
लियारी की गैंगवार की असली जड़ें 1960 के दशक के हशीश कारोबार से शुरू होती हैं। इसके बाद दादल, शेरू और काला नाग जैसे नाम सामने आए। 1990 के बाद पढ़े-लिखे अपराधियों की पीढ़ी उभरी, जिनमें बाबू डकैत प्रमुख था। इसी दौर में सबसे बड़ा नाम सामने आया—सरदार अब्दुल रहमान बलोच, जिसे लोग रहमान डकैत के नाम से जानते थे।
डर, दबदबा और राजनीति का मिश्रण
1975 में जन्मे रहमान ने किशोर उम्र से ही अपराध में कदम रख दिया था। कहा जाता है कि उसने कम उम्र में ही हत्या की थी, हालांकि यह साबित नहीं हुआ। 2001 में हाजी लालू गैंग के कमजोर पड़ने के बाद रहमान ने लियारी पर कब्जा जमा लिया। उसने ड्रग्स, जुए और वसूली से पैसे कमाए, लेकिन साथ ही क्लिनिक, मदरसे और फुटबॉल टूर्नामेंट भी फंड किए।
पीपीपी के सहारे वह ‘पीपुल्स अमन कमिटी’ का प्रमुख बना, जो वास्तव में एक संगठित अपराध नेटवर्क था। उसकी सबसे बड़ी दुश्मनी अरशद पप्पू से थी, जिसने रहमान के रिश्तेदार उजैर बालोच के पिता की हत्या कर दी थी। इसके बाद खूनी लड़ाई शुरू हो गई।
एसपी चौधरी असलम: सिस्टम का सबसे विवादित अधिकारी
संजय दत्त द्वारा निभाए गए चरित्र असलम की प्रेरणा वास्तविक पुलिस अधिकारी चौधरी असलम से ली गई है। असलम ने तालिबान और गैंगों के खिलाफ सख्त अभियान चलाए। 2009 में रहमान डकैत एक एनकाउंटर में मारा गया, जिसे उसकी पत्नी ने फर्जी बताया। 2014 में असलम की मौत एक आत्मघाती हमले में हुई।
गैंगवार का खौफनाक दौर और आज का लियारी
रहमान की मौत के बाद उजैर बालोच ने कमान संभाली और हिंसा और भड़क उठी। 2004 से 2013 के बीच 800 से अधिक मौतें हुईं। अरशद पप्पू की हत्या और उसके सिर से फुटबॉल खेले जाने की घटना ने दुनिया को हिला दिया।
आज लियारी अपेक्षाकृत शांत है, और फुटबॉल क्लब फिर सक्रिय हैं, लेकिन पुराने जख्म अब भी बाकी हैं।
