‘सब भगवान की मर्ज़ी थी…’ , महामंडलेश्वर विवाद पर ममता कुलकर्णी ने पहली बार तोड़ी चुप्पी

महाकुंभ के दौरान ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया। अब उन्होंने इस पूरे मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।

Mamta Kulkarni

Mamta Kulkarni : बॉलीवुड की जानी-मानी पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने हाल ही में प्रयागराज में हुए महाकुंभ मेले के दौरान किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की पदवी से अपना इस्तीफा दे दिया। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि वे आध्यात्मिक पथ पर साध्वी के रूप में अपनी साधना जारी रखेंगी। उनका यह फैसला तब आया जब आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास के बीच ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया।

इस मुद्दे पर पहली बार सार्वजनिक रूप से अपनी चुप्पी तोड़ते हुए ममता कुलकर्णी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “कुंभ के उस ऐतिहासिक अवसर पर महामंडलेश्वर की उपाधि मिलना मेरे लिए ईश्वर की कृपा थी। यह मेरे 25 वर्षों की साधना का प्रतिफल है। मैं पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ इस मार्ग पर आगे बढ़ी हूं।” ममता ने अपने सांसारिक जीवन को त्याग कर “श्री यमई ममता नंदगिरी” नाम धारण किया और 24 जनवरी को महामंडलेश्वर पद ग्रहण किया।

बाबा रामदेव ने उठाए सवाल

योग गुरु बाबा रामदेव ने ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि कोई व्यक्ति एक दिन में संत नहीं बन सकता। बाबा रामदेव ने कुंभ को सनातन परंपरा का पवित्र और ऐतिहासिक पर्व बताते हुए कहा था कि कुछ लोग इस धार्मिक आयोजन को दिखावे, नशे और अनुशासनहीनता से जोड़कर उसकी गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। उनका मानना था कि ऐसे पद केवल तप, त्याग और साधना से ही मिलते हैं, न कि शोहरत से।

किन्नर अखाड़े से निष्कासित हुईं ममता 

इस विवाद के बाद किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से 30 जनवरी 2025 को यह घोषणा की कि ममता कुलकर्णी और आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अखाड़े से निष्कासित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “किन्नर अखाड़े की स्थापना धार्मिक उत्थान और ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से की गई थी। लेकिन लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इन उद्देश्यों से खुद को अलग कर लिया है, इसलिए उन्हें पद से मुक्त किया जा रहा है।”

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ममता कुलकर्णी 1990 के दशक में करण अर्जुन, बाजी जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में मशहूर हुई थीं। लेकिन 2000 के दशक की शुरुआत में उन्होंने ग्लैमर की दुनिया से किनारा कर लिया और विदेश जाकर एकांत जीवन जीने लगीं। अब वे पूरी तरह से आध्यात्मिक जीवन की ओर अग्रसर हो चुकी हैं।

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