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Hijab: भारत तक पहुंचा ईरान का हिजाब विरोध, बॉलीवुड से समर्थन ना मिलने..

Hijab: भारत तक पहुॅंचा ईरान का हिजाब विरोध, बॉलीवुड से समर्थन ना मिलने पर एक्ट्रेस मंदाना ने मुंबई की सड़क पर किया प्रदर्शन

पिछले कुछ दिनों से ईरान में महिलाएं हिजाब पहने का विरोध कर रही हैं। दुनियभर में कई लोग इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। केवल 19 साल की उम्र में ईरान का अपना घर छोड़ देने वाली मंदाना करीमी ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है। मुंबई में ईरानी एक्ट्रेस भी एंटी हिजाब प्रोटेस्ट को समर्थन देते हुए दिखाई दी हैं.इस तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि वो पोस्टर हाथ में लिए आंदोलन को समर्थन दे रही हैं. ये एक्ट्रेस ऐसा कर रही हैं इसके पीछे भी एक कारण हैं।

आइये जानते है पूरी कहानी –

ईरान में हिजाब ठीक से न पहनने पर पुलिस ने महसा अमीनी नाम की 22 साल की लड़की को कस्टडी में लिया था. जिसके बाद उस लड़की की मौत पुलिस कस्टडी में ही गई. बस फिर इसी घटना के बाद देश-विदेश में लाखों महिलाओं ने हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन शुरु किया है. इसी बीच मुंबई में एक्ट्रेस मंदाना भी एंटी हिजाब प्रोटेस्ट को समर्थन देते हुए दिखाई दी हैं. लेकिन इस तस्वीर में वह अकेली ही प्रोटेस्ट करती हुई दिखाई दे रही हैं.

मैं ऐसी जगह पर नहीं जी सकती थी जहां सांस नहीं ले सकूं

हिजाब पर पहले भी मंदाना करीमी ने बयान दिया और कहा, ‘मैंने बेहद भारी मन से सालों पहले अपना घर ईरान छोड़ दिया था, तब मैं केवल 19 साल की थी, अकेली थी और फारसी के अलावा मुझे कोई भाषा भी नहीं जानती थी। तब मेरी फैमिली भी मेरा सपोर्ट नहीं कर रही थी और मैं बिना के अपना घर छोड़ आयी थी। आगे मंदाना ने कहा, ‘मैं ऐसी जगह पर नहीं जी सकती थी जहां सांस नहीं ले सकूं, बाहर निकलने के बारे में नहीं सोच सकूं। यहां तक कि वहां इस बात की भी आजादी नहीं है कि मैं किसके साथ घूमूं, क्या पढ़ाई करूं, क्या पहनूं वरना मुझे पुलिस गिरफ्तार कर लेगी।

2 रातें पुलिस की हिरासत में गुजारीं

मुझे याद नहीं है कितनी बार पुलिस ने मुझे रोका और अरेस्ट किया। मैंने अपना पूरा पैसा उन्हें दे दिया। मैंने 2 रातें पुलिस की हिरासत में गुजारीं और अपने दोस्तों को पिटते देखा। कुछ घटनाएं तो मैं वहां से आने के बाद भूल चुकी हूं। आखिर क्यों मेरे अपने ही देश में लड़कियों के लिए कोई जगह नहीं है? आखिर क्यों मैं अपने परिवार के साथ नहीं रह सकती? आखिर क्यों मुझे फ्री रहने के लिए विदेश में रहना पड़ता है? मैंने पिछले 2 दिन से अपने परिवार से बात भी नहीं की है। उनके फोन काम नहीं कर रहे हैं और मैं उन्हें बता नहीं सकती कि ईरान में हो रहे आंदोलन करने वाली ईरानी महिलाओं का कितना सपोर्ट कर रही हूं।’

पीटा नहीं जाना चाहिए

ईरान में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर Mandana Karimi ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह लड़ाई मानव अधिकारों और महिलाओं की समानता के लिए है। हमें अपने मन के मुताबिक कपड़े पहनने का अधिकार है जिसके लिए हमें पीटा नहीं जाना चाहिए या हमारी हत्या नहीं की जानी चाहिए। यह इस्लाम और हिजाब के बारे में नहीं है बल्कि यह महिला के तौर पर हमारे अधिकार के बारे में है। हम हिजाब पहनना चाहें या नहीं यह हमारी मर्जी है। अब जरूरी है कि दुनिया हमारी आवाज को सुने।

मुस्लिम समुदाय की महिलाएं क्यों नहीं जुड़ी है?

ईरान में लोग अपनी सरकार से सवाल नहीं उठा सकते जैसे दूसरे देशों में उठाते हैं? कम से कम आप लोग तो सोशल मीडिया पर ईरानी महिलाओं के अधिकारों के लिए लोगों को जागरुक करें।’ इसके अलावा इस विरोध पर एक्ट्रेस से तसलीमा नसरीन ने पूछा कि मुस्लिम समुदाय की महिलाएं क्यों नहीं जुड़ी है? वो अकेली क्यों हैं इस समर्थन में। जरूरी बात और बता दे आपको कि विरोध के चलते 92 से ज़्यादा लोगों की अब तक ईरान में मौत हो चुकी है।

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