इन दिनों किंग खान की फिल्म ‘पठान’ का गाना ‘बेशर्म रंग’ पर खूब विवाद हो रहा है। इस गाने में दीपिका का सेंसुअल अवतार और भगवा रंग की बिकिनी पर जमकर बवाल हो रहा है। राजनीतिक नेताओं से लेकर हिंदू संगठन तक सभी इस गाने का विरोध कर रहे हैं। सभी का ये कहना है कि भगवा रंग आस्था का प्रतीक है इसलिए इस तरह के कपड़े पहनकर ‘बेशर्म रंग’ पर डांस करना बिलकुल भी कबूल नहीं किया जाएगा। ये विरोध प्रदर्शन यहां तक पहुंच गया है कि इसके चलते कई जगहों पर शाहरुख खान का पुतला भी जलाया जा रहा है। और अब इस विवाद पर शक्तिमान उर्फ मुकेश खन्ना का रिएक्शन सामने आ गया है।
मुकेश खन्ना बेशर्म रंग गाने पर क्लास लगाते नजर आए हैं
मुकेश खन्ना समय-समय पर बॉलीवुड की गलतियां गिनाने वाले अभिनेता हैं। और इस बार मुकेश खन्ना बेशर्म रंग गाने पर उनकी क्लास लगाते नजर आए हैं। इस पर मुकेश खन्ना जमकर भड़के हुए हैं और बोलते हैं कि, ‘आज कल के बच्चे tv और फिल्म देख कर बड़े हो रहे हैं। इसलिए सेंसर बोर्ड को ऐसे गानों को पास ही नहीं करना चाहिए।’ इसके साथ ही मुकेश ने सेंसर बोर्ड पर कहते हैं कि , ‘वो कोई सुप्रीम कोर्ट नहीं है, जिसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए।’

हमारा देश कोई स्पेन नहीं बन गया
आगे बढ़ते हुए कहते हैं कि, ‘हमारा देश कोई स्पेन नहीं बन गया, जो इस तरह गाने लाए जाए। अभी तो आधे कपड़ों में गाने बन रहे हैं। फिर बिना कपड़ों के गाने बनने लगेंगे। मुझे तो समझ नहीं आता है कि सेंसर बोर्ड इस तरह गाने को पास ही क्यों करता है।’ ‘क्या बनाने वाले को पता नहीं है कि भगवा रंग एक धर्म और सम्प्रदाय के साथ बहुत मायने रखता है। बहुत संवेदशनशील रंग है, जिसे हम भगवा कहते हैं, जो शिवसेना के झंडे में भी है, हमारे आरएसएस में भी है। अगर उनको ये पता है, तो बनाने वाला क्या सोच कर ऐसे गाने बनाता है। अमेरिका में आप उनके झंडे की बिकिनी भी पहन सकते हैं पर हिंदुस्तान में ऐसा करने की बिलकुल भी इजाजत नहीं है।’
जान बूझकर भगवा रंग के कपड़े में गाना रखा
जब खन्ना से जब सवाल किया गया कि इससे पहले भी अभिनेत्रियों ने भगवा रंग के कपड़े पहने हैं, तब तो आपको क्यों दिक्कत नहीं हुई? इस पर मुकेश खन्ना कहते हैं, ‘इससे पहले इस तरह से बिकिनी बना कर नहीं पहना गया है। लेकिन अब सोशल मीडिया है, लोग अपनी आवाज उठा सकते हैं। भगवा रंग आरएसएस, शिवसेना का भी है और भगवे रंग से जुड़ी अपनी मान्यताएं भी है और ऐसे में जान बूझकर भगवा रंग के कपड़े में गाना रखा गया है, जो किसी गुस्ताखी से कम नहीं है।’