Birthday Special : पृथ्वीराज कपूर (Prithvi Raj Kapoor) का जन्म ब्रिटिश भारत के पंजाब में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। उनका शुरू से ही अभिनय की दुनिया की तरफ रुझान था इसी कारण उन्होंने पेशावर में एक थिएटर सेअपनी अभिनय की शुरुआत की और फिर मुंबई आकर फिल्मों में काम किया। ‘सिनेमा गर्ल’ से शुरू हुए करियर में उन्होंने कई मशहूर फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें ‘सिकंदर’ और ‘मुगल-ए-आजम’ शामिल हैं।
खासकर ‘मुगल-ए-आजम’ में उनके अकबर का किरदार अमर हो गया। पृथ्वीराज ने न केवल फिल्मों बल्कि थिएटर में भी खास पहचान बनाई और 1944 में ‘पृथ्वी थिएटर’ की स्थापना की। पृथ्वीराज कपूर का जन्म 3 नवंबर 1906 को ब्रिटिश इंडिया के पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। वह एक पुलिस अधिकारी के बेटे थे और शुरू से ही थिएटर में रुचि रखते थे। अपनी इस रुचि को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने पेशावर के थिएटर में अभिनय करना शुरू कि\
अभिनय की शुरुआत
पृथ्वीराज कपूर ने फिल्मों में छोटे-छोटे किरदार निभाते हुए करियर की शुरुआत की। 1930 में उन्हें ‘सिनेमा गर्ल’ नाम की मूक फिल्म में मुख्य भूमिका मिली। इसके बाद, 1931 में भारत की पहली बोलती फिल्म ‘आलम आरा’ में भी उन्होंने अहम किरदार निभाया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और उन्होंने सिनेमा जगत को कभी ना भूलने वाली फिल्मों का योगदान दिया
ऐतिहासिक किरदारों का महारथी
पृथ्वीराज कपूर को ऐतिहासिक किरदार निभाने में खास महारत हासिल थी। ‘सिकंदर’ (1941) और ‘मुगल-ए-आजम’ (1960) जैसी फिल्मों में उनके निभाए गए किरदार दर्शकों के दिलों में बस गए। ‘मुगल-ए-आजम’ में अकबर के रूप में उनकी भूमिका आज भी दर्शकों के ज़ेहन में ताज़ा है। उनकी अदायगी ने उन्हें ऐतिहासिक फिल्मों का बहुत बड़ा कलाकार बना दिया।
पृथ्वी थिएटर की बुनियाद
फिल्मों के साथ-साथ पृथ्वीराज कपूर (Prithvi Raj Kapoor) का थिएटर में भी गहरा योगदान रहा। 1944 में उन्होंने ‘पृथ्वी थिएटर’ की स्थापना की, जहाँ सामाजिक मुद्दों पर आधारित नाटकों का मंचन होता था। इस थिएटर के माध्यम से उन्होंने लोगों को जागरूक करने का कार्य किया, हालांकि थिएटर से इतनी कमाई नहीं होती थी कि वह अपना खर्चा निकाल सकें। इसके बावजूद उन्होंने थिएटर को आगे बढ़ाने का कोशिश जारी रखा और एक बुलंद मुकाम हासिल किया।
यह भी पढ़े: “मठाधीश बाटेंगे और काटेंगे…” उपचुनाव से पहले सपा का नया पोस्टर, सियासी हलचल तेज!
उदार किरदार के मालिक
पृथ्वीराज कपूर (Prithvi Raj Kapoor) जितने बड़े कलाकार थे, उतने ही उदार इंसान भी थे। कहा जाता है कि वह जरूरतमंद लोगों की हमेशा मदद करते थे। अगर किसी को तकलीफ होती, तो वह उसका पूरा ख्याल रखते। इंडस्ट्री में उनकी यह दरियादिली मशहूर थी और लोग उनकी इस खासियत की बहुत इज्जत करते थे।
परिवार में बोया अभिनय का बीज
पृथ्वीराज कपूर ने अपने परिवार को भी अभिनय में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके बेटे राज कपूर, शम्मी कपूर, शशि कपूर ने हिंदी सिनेमा में अपना खास मुकाम बनाया। अगली पीढ़ी में ऋषि कपूर, रणधीर कपूर जैसे कलाकारों ने इंडस्ट्री में नाम कमाया। आज रणबीर कपूर, करीना कपूर, करिश्मा कपूर जैसे सदस्य भी उनके परिवार की कला को आगे बढ़ा रहे हैं। पृथ्वीराज कपूर के अभिनय के अंश कपूर परिवार की हर पीढ़ी में दिखते हैं। जो आज फिल्मी दुनिया में सफलता का झंडा लहरा रहे हैं