Ranbir Kapoor: बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर का नाम एक बार फिर से सुर्खियों में है, इस बार पैपराजी मीडिया फोटोग्राफर के साथ विवाद को लेकर। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें रणबीर की टीम को एक्टर के बाहर निकलते समय पैपराजी को पीछे हटने का कहते हुए दिखाया गया है। इससे पैपराजी नाराज़ हो गए और उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें स्वयं रणबीर की टीम ने बुलाया था, न कि वे खुद आए थे।
पैप्स का आरोप: बुलाया था… फिर निकाला बाहर
पैपराजी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने बिना बुलाए खुद आए नहीं थे — बल्कि उन्हें किसी संदेश या कॉल के ज़रिए बुलाया गया था। वीडियो में एक फोटोग्राफर कहता सुनाई दे रहा है “अरे भाई बुलाया है… क्या कर रहे हो? हमारे पास मैसेज है सबके पास…” लेकिन जैसे ही रणबीर की गाड़ी रुकी और एक्टर की सुरक्षा टीम आगे आई, फोटोग्राफर-समूह से कहा गया कि आगे बढ़ जाएँ और फोटो लेने से माना कर दिया गया। इस अचानक हुए ब्रेकअप को देखकर पैप्स नाराज़ हुए और उन्होंने खुलासा किया कि बुलावा उन्हीं का था।
इस वीडियो वायरल हो जाने को बाद, सोशल मीडिया पर रणबीर कपूर को ‘हिपोक्रेट’ यानी दिखावा करने वाला अभिनेता करार दिया गया। लोग कह रहे हैं कि जिनके बारे में वह कहते थे कि “पी.आर. (PR) उनका हिस्सा नहीं” है — उन्होंने वही पद्धति अपनाई।
PRanbir exposed 🤣🤣🤣🤣
Jisne poore world ko kaha uska PR nahi hai..chutiya samajh rakha hai? pic.twitter.com/gtquKXZUzA— Krishna’s girl (@soumya_shayna) December 1, 2025
पेशेवर अंदाज़ या पब्लिसिटी स्टंट?
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह पूरा मसला PR और पब्लिसिटी के उस पहलू को उजागर करता है, जिसे अक्सर सेलिब्रिटीज नजरअंदाज़ कर देते हैं। इस घटना से यह सवाल फिर उठा है कि क्या स्टार्स अपनी निजी और प्रोफेशनल छवि को बनाए रखने के लिए पैपराजी तक पहुंच बनाते हैं, और फिर मीडिया कवरेज होने के बाद उनसे दूरी बना लेते हैं।
जहाँ एक ओर रणबीर की फिल्मों जैसे Love & War और Ramayana की चर्चा जोरों पर है, वहीं यह विवाद उनकी पब्लिक इमेज को मिनटों में प्रभावित कर सकता है।
इस विवाद से यह बात एक बार फिर स्पष्ट हुई है कि ग्लैमर की दुनिया में पब्लिसिटी और मीडिया कवरेज की भूख कभी-कभी नैतिक सवाल खड़े कर देती है। जहाँ एक ओर कलाकार चाहते हैं कि उनकी खबर बने, वहीं कुछ घटनाएँ उनके वास्तविक रवैये और दावे के बीच फासला उजागर कर देती हैं। रणबीर कपूर के इस मामले में, चाहे उन्होंने चाहे न चाहा हो — लेकिन पैपराजी द्वारा किया गया खुलासा और सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग ने यह दिखा दिया कि “पहले बुलाते हैं, फिर भगाते हैं” जैसी स्थिति आम धारणा मात्र नहीं, बल्कि एक यथार्थ हो सकती है।
